भगत सिंह के विचार बहुत उल्लेखनीय हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद उनके क्रांतिकारी

भगत सिंह का नाम ब्रिटिश शासन से देश की स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रवादी आंदोलनों में सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को अविभाजित India में लालायलपुर district के बंगा में हुआ था, जो अब pakistan में है। उनका पैतृक गाँव खटकड़ कलां है जो punjab (India) में है।

भगत सिंह के विचार बहुत उल्लेखनीय हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद उनके क्रांतिकारी विचारों का पता चलता है। भगत सिंह के विचार युवाओं में देशभक्ति और क्रांति को प्रेरित करते हैं। भगत सिंह की जयंती के मौके पर आइए जानते हैं उनके कुछ महान क्रांतिकारी विचारों के बारे में: * “मेरा धर्म सिर्फ देश की सेवा करना है।”- भगत सिंह * महान राज्य नष्ट हो जाते हैं लेकिन विचार जीवित रहते हैं”, मेरा मतलब है। “- भगत सिंह” दिल से नहीं निकलेगा, लेकिन अगर मैं मर गया तो भी मिट्टी आ जाएगी, मेरी मिट्टी भी खुशबु-ए-वतन से आएगी। – भगत सिंह “कानून की पवित्रता तब तक बनी रह सकती है जब तक वह लोगों की इच्छा को व्यक्त करता है।” – भगत सिंह “प्रेमी(Lovers,) सहज और कवि (spontaneous and poets) एक ही चीज से बने होते हैं।” – भगत सिंह “राख(ash)का हर कण मेरी गर्मी(heat) के साथ बढ़ता जा रहा है। मैं एक ऐसा आदमी हूं जो जेल में भी आजाद है(man who is also free in prison.)।””- भगत सिंह” क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे बड़ा अभिशाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है। “- भगत सिंह” जो भी विकास के लिए खड़ा होता है उसे आलोचना, अविश्वास और हर चीज को चुनौती देना चाहिए।”—Bhagat Singh” I emphasize(महत्वाकांक्षा,) that ambition is full of hope(आशा)  and attraction(आकर्षण) to life, but I can sacrifice it when needed and that is the  सच्चा बलिदान “- Bhagat Singh

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