1 April 2024: से किए जाएंगे बदलाव: फाइनेंशियल ईयर में नए नियम | Changes will be made from April 1: New rules in the financial year

 1 अप्रैल 2024 से कई वित्तीय नियमों में बदलाव हो रहा है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव निम्नलिखित हैं:

पहले अप्रैल से नया वित्त वर्ष (नई वित्तीय वर्ष 2024-25) (New Financial Year 2024-25)शुरू हो जाएगा, जिसके साथ ही कई बदलाव भी होंगे। इन बदलावों का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से पहले कुछ आवश्यक कामों को पूरा कर लें, अन्यथा अप्रैल में नियमों में परिवर्तन के कारण आपको परेशानी हो सकती है।

1. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): नेशनल पेंशन सिस्टम में लॉगिन प्रक्रिया में बदलाव हो रहा है। अब 1 अप्रैल 2024 के बाद नेशनल पेंशन सिस्टम के खाते में लॉगिन करने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आवश्यक होगा।

2. FASTag: FASTag से जुड़े नियमों में भी बदलाव हो रहा है। अब ग्राहकों को अपनी कार के FASTag की बैंक केवाईसी पूरी करने की आवश्यकता है। 31 मार्च से पहले केवाईसी पूरी करना जरूरी है, अन्यथा FASTag खाते को बैंक डीएक्टिव या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

3. EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भी 1 अप्रैल से नए नियम लागू करेगा। अब नौकरी बदलने पर पीएफ के बैलेंस को ट्रांसफर करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि ऑटो मोड में पुराने पीएफ का बैलेंस ट्रांसफर हो जाएगा।

4. पैन-आधार लिंक: 31 मार्च 2024 को आधार-पैन लिंक करने की अंतिम तिथि है। अगर आप इसे समय पर नहीं करते हैं, तो आपका पैन कार्ड रद्द हो सकता है।

5. SBI क्रेडिट कार्ड: 1 अप्रैल 2024 से एसबीआई क्रेडिट कार्ड के नियम बदल रहे हैं। अब क्रेडिट कार्ड के जरिए किराए का भुगतान करने पर रिवॉर्ड प्वाइंट नहीं मिलेंगे।

इन नियमों में बदलाव का सीधा असर आपकी वित्तीय स्थिति पर होगा, इसलिए ध्यान से उन्हें समझें और अपनी योजनाओं को अनुरूप कार्रवाई करें।

1 अप्रैल से किए जाएंगे बदलाव: फाइनेंशियल ईयर में नए नियम

1 अप्रैल को न केवल नए साल की शुरुआत होती है, बल्कि वित्तीय वर्ष की भी शुरुआत होती है। इस दिन से वित्तीय नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं। यहाँ हम इन बदलावों की एक झलक प्राप्त करेंगे।

फिनांसियल ईयर और नॉर्मल कैलेंडर ईयर में अंतर

यह जरुरी है कि हम यह समझें कि कैलेंडर ईयर और फिनांसियल ईयर में क्या अंतर होता है। नॉर्मल कैलेंडर ईयर 1 जनवरी से शुरू होता है, जबकि फिनांसियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होता है। यह निश्चित करता है कि वित्तीय नियमों में बदलाव 1 अप्रैल से ही लागू होते हैं।

नियमों में बदलाव

फिनांसियल ईयर की शुरुआत के साथ ही कई नए नियम भी लागू होते हैं। इनमें से एक बड़ा बदलाव यह है कि अब से ऑपरेटिव अकाउंट्स पर कोई मिनिमम चार्ज नहीं लगेगा। यह नया नियम भारतीय नागरिकों के लिए बड़ी राहत होगी।

अन्य महत्वपूर्ण बदलावों में शामिल हैं:

– टैक्स रेट में बदलाव: नए टैक्स रेट 1 अप्रैल से लागू होंगे।

– ऑपरेटिव अकाउंट्स पर लगाए जाने वाले चार्जेस में कटौती: नए नियम अनुसार, अब ये अकाउंट्स निशुल्क होंगे।

आज की तारीख में, यह नियम सरकार की दिशा निर्देशिका के अनुसार हैं, लेकिन संभवतः आगामी दिनों में इसमें कोई बदलाव हो सकता है।

नो चार्जेस शैल बी (No Charges Scheme B)

इस नए नियम के अंतर्गत, एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस को हटा दिया गया है, जो पहले ऑपरेटिव अकाउंट्स पर लागू होते थे। इससे नागरिकों को बचत होगी और वित्तीय सेवाओं का उपयोग करना आसान होगा।

दो भागों में बांटी गई है। नीचे पहला भाग है:

“नेक्स्ट ये है कि अब से हमारे वहां पर आर्बीआई ने ये कहा है कि जो अच्छा कई बारी क्या होता है। अगर आप लोग ध्यान दो कई बारी ये होता है कि हम लोग अगर यहां जाते हैं जैसे आप लोगों को पता होगा कि जो लोग लोन वगैरह नहीं देते हैं डिफॉल्ट कर जाते हैं लोन पे। इनको कहते हैं कि ये लोन डिफॉल्टर है अब अगर कोई लोन डिफॉल्टर होता है तो इस पे एक तो कोई ना कोई चार्ज लगता है ही है जो आरबीआई ने प्रिस्क्रुटनी के ऊपर लगता ही लगता है। इसके ऊपर कई बारी जो बैंक्स होते हैं वो अपने एंड से भी कुछ एक्स्ट्रा चार्ज लगा दिया करते हैं कि हां ये एक्स्ट्रा चार्ज और लगा रहे हैं तो ये जो बैंक्स या एनबीएफसी किसी को लोन देते वक्त एक्स्ट्रा चार्जेस लगाया करते हैं इन एक्स्ट्रा चार्जेस को इन्होंने कहा है कि नहीं अबी ऐसा कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाएंगे अब इसको मना कर दिया गया है कि भाई आप ये एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगा सकते हो अलाउड ही नहीं है जितने चार्ज नॉर्मल लगनी चाहिए उतने ही चार्ज लगेंगे तो आरबीआई ने जितना प्रिसक्राइब कर रखा है उतना रहेगा कोई अगर अपनी तरफ से एक्स्ट्रा लगा रहा है तो वह बिल्कुल गलत माना जाएगा ऐसा नहीं किया जाएगा फ लिखा हुआ है कि जो इंप्लीमेंटेशन होगा रिवाइज फेयर लैंडिंग प्रैक्टिसेस का आरबीआई का यह इफेक्ट में आ रहा है 1 अप्रैल से और इसमें बैंक और एनबीएफसी कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज या पेनाल्टी नहीं लगा सकते हैं ईएमआई वगैरह की नॉन पेमेंट पर ठीक है नेक्स्ट अगर हम लोग बात करें कि नेक्स्ट क्या है तो देख लीजिएगा नेक्स्ट इज 1 अप्रैल से एसबीआई कार्ड अपने कई सारी जो एसबीआई अपने क्रेडिट कार्ड्स वगैरह देती है इसमें क्या होता है कि अगर आप लोग टाइमली पेमेंट कर रहे हैं तो कोई प्रॉब्लेम नहीं होगा अगर आप लोग टाइमली पेमेंट नहीं कर पाएंगे तो उसका डिफॉल्ट चार्ज लगेगा वह चार्ज कितना लगेगा देखिएगा पहले यहां पर 1000 का प्रॉब्लेम है वहीं पर 500 का अपने एंड से बैंक्स ने लगा दिया है। लेकिन अब नेक्स्ट से क्या होगा जो आप लोग प्रॉम्प्ट लेट पेमेंट करेंगे वह लोग वहीं पर उनके पास कोई प्रॉब्लेम नहीं होगा। नेक्स्ट से क्या होगा कि यहां पर आप लोगों के पास कोई चार्ज नहीं लगेगा ये वहां पर डिफॉल्ट चार्ज के ऊपर बैंक्स का जो बैंक्स जो अपनी पास वाली डिफॉल्ट चार्ज के ऊपर जो एक्स्ट्रा चार्ज लगाते हैं यह वहां पर से खत्म हो जाएगा कि अब आपको नहीं लगेगा कोई एक्स्ट्रा चार्ज।”

यहां दूसरा भाग है:

“कृपया ध्यान दें कि आप अब जो भी पेमेंट्स कर रहे हैं वह टाइम पर करें क्योंकि अगर आप लोग प्रॉम्प्ट पेमेंट करते हैं तो कोई भी बैंक्स या एनबीएफसी किसी भी तरह का कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाएंगे यह सिर्फ आप लोगों के लिए है कि अगर आप लोग जो भी पेमेंट कर रहे हैं वह टाइम पर करें।”

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निष्कर्ष

1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए नियम भारतीय नागरिकों के वित्तीय जीवन में कई सुधार लाएंगे। इन नियमों का पालन करना न भूलें और अपने वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाएं।

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