मुरहू में 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची सात माह की गर्भवती होने के बाद प्रसव पीड़ा से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई। हालत गंभीर होने पर उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया। बच्ची कक्षा नौ की छात्रा थी और 16 वर्षीय किशोर के साथ ढुकू प्रथा (लिव-इन) में रह रही थी। इस घटना ने समाज में गरीबी और अशिक्षा की गंभीर स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुरहू में 14 वर्षीय नाबालिग गर्भवती, अस्पताल में भर्ती
मुरहू। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरहू का माहौल मंगलवार सुबह उस समय गंभीर हो गया जब प्रसव पीड़ा से पीड़ित 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची को उसकी मां समेत तीन महिलाएं लेकर पहुंचीं, जबकि पीछे-पीछे उसका 16 वर्षीय पति चलता हुआ नजर आया।
ढुकू प्रथा के तहत रह रही थी साथ
जानकारी के अनुसार, दोनों की अभी सामाजिक रूप से शादी नहीं हुई है। हालांकि, ढुकू प्रथा (लिव-इन परंपरा) के तहत नाबालिग बच्ची अपने पति के साथ रह रही थी।
पढ़ाई के दौरान हुआ संपर्क
परिजनों ने बताया कि बच्ची स्थानीय विद्यालय में कक्षा नौ की छात्रा है। वह मुरहू से 14 किलोमीटर दूर एक गांव से पढ़ाई करने आती थी और यहां किराए के मकान में रहती थी। इसी दौरान मुरहू बाजार में उसकी पहचान पड़ोसी गांव के 16 वर्षीय किशोर से हुई।
मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान होने के बाद दोनों के बीच फोन और व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे किशोर का आना-जाना बढ़ा और कई बार वह बच्ची के घर पर भी रुका। इस नजदीकी का परिणाम यह हुआ कि बच्ची गर्भवती हो गई।
सात माह की गर्भवती, अस्पताल में रेफर
परिवार ने स्थिति को देखते हुए बच्ची को लड़के के घर भेज दिया। अब वह सात महीने की गर्भवती है। मंगलवार को प्रसव पीड़ा तेज होने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरहू लाया गया, जहां स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
ग्रामीणों की चिंता और सवाल
अस्पताल परिसर में मौजूद लोगों और ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई। उनका कहना था कि गरीबी और अशिक्षा की वजह से समाज ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां 14 साल की बच्ची मां और 16 साल का किशोर पिता बनने जा रहे हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि इस नाबालिग दंपति और उनके होने वाले बच्चे का भविष्य क्या होगा।
