BSNL कर्मचारियों के लिए VRS के बजाय पदोन्नति की मांग तेज, BMS ने सरकार से एचआर मुद्दों जैसे वेतन, पेंशन और प्रमोशन पर ध्यान देने की अपील की. जानिए पूरी खबर.
बीएसएनएल (BSNL) (भारत संचार निगम लिमिटेड) के बोर्ड ने हाल ही में वीआरएस 2.0 (VRS 2.0) (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) को मंजूरी दी है, लेकिन इसका अंतिम फैसला सरकार द्वारा लिया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार वीआरएस लागू करना चाहती है क्योंकि इससे बीएसएनएल (BSNL) की अल्पावधि में कर्मचारी लागत कम हो जाएगी.
इस फैसले का विरोध करते हुए भारत मजदूर संघ (बीएमएस) BMS ने कहा है कि बीएसएनएल (BSNL) के कर्मचारियों को वीआरएस (VRS) नहीं, बल्कि पदोन्नति दी जानी चाहिए. बीएमएस (BMS) के महासचिव रवींद्र हिमटे ने दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखे पत्र में इस बात पर जोर दिया कि बीएसएनएल (BSNL) को अपने मानव संसाधन (एचआर) से जुड़े मुद्दों जैसे वेतन, पेंशन और पदोन्नति को प्राथमिकता देनी चाहिए.
हिमटे ने अपने पत्र में कहा कि कर्मचारियों की मेहनत और योगदान को पहचानते हुए उन्हें पदोन्नति और तीसरी पीआरसी (वेतन संशोधन समिति की सिफारिशें) का लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएनएल (BSNL) को संकट से निकालने और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए ईमानदार दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.
सरकार वीआरएस क्यों लागू करना चाहती है?
बीएसएनएल (BSNL) बोर्ड ने वीआरएस 2.0 (VRS 2.0) को इसलिए मंजूरी दी है ताकि कंपनी की कर्मचारी लागत को कम किया जा सके. बीएसएनएल (BSNL) पहले से ही मुनाफा कमाने के लिए संघर्ष कर रही है, और निजी दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले इसका राजस्व भी काफी कम है.
विशेषज्ञों का मानना है कि वीआरएस (VRS) लागू करने से प्रबंधन में दक्षता आ सकती है और कंपनी के लिए बेहतर भविष्य की संभावना बन सकती है. हालांकि, बीएसएनएल (BSNL) के कर्मचारी संघ और बीएमएस (VRS) ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताया है.
कर्मचारी और बीएमएस का पक्ष
बीएमएस (BMS) और बीएसएनएल कर्मचारी संघ का कहना है कि वीआरएस (VRS) लागू करने के बजाय कर्मचारियों को उनकी मेहनत का उचित फल मिलना चाहिए. संगठन ने कहा कि लंबे समय से लंबित वेतन, पेंशन और पदोन्नति के मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों का मनोबल बढ़े और वे कंपनी की प्रगति में अधिक योगदान दे सकें.
अब यह देखना होगा कि सरकार और बीएसएनएल प्रबंधन इस मुद्दे पर क्या फैसला लेते हैं. फिलहाल, कर्मचारियों और बीएमएस (BMS) ने पदोन्नति की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर दी है.
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