Driving License और Vechicle Registration के लिए अब Aadhar और Mobile नंबर अनिवार्य: भारत सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आधार और मोबाइल नंबर लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। पढ़ें नए नियम, प्रक्रिया, और इसके फायदों के बारे में।
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और वाहन पंजीकरण के लिए आधार प्रमाणीकरण और मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 14 अगस्त 2025 से प्रभावी हो चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य परिवहन प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, और ई-चालान प्रणाली को और प्रभावी बनाना है।
नया नियम क्या है?
MoRTH के इस निर्देश के अनुसार, प्रत्येक ड्राइविंग लाइसेंस धारक और पंजीकृत वाहन मालिक को अपने मोबाइल नंबर को आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से अपडेट करना होगा। यह प्रक्रिया वाहन और सारथी पोर्टल के जरिए ऑनलाइन की जा सकती है। इसके अलावा, राज्य परिवहन विभाग भी इस संबंध में नोटिफिकेशन और अलर्ट भेज रहे हैं, जिसमें लोगों से अपने संपर्क जानकारी को अपडेट करने की अपील की जा रही है।
यह नियम क्यों जरूरी है?
सरकार ने यह कदम कई समस्याओं को हल करने के लिए उठाया है। कई बार लोग अपना मोबाइल नंबर या पता बदलकर जुर्माने या नोटिस से बचने की कोशिश करते हैं। आधार-आधारित सत्यापन से यह समस्या खत्म होगी, क्योंकि यह एक ट्रेस करने योग्य और जवाबदेह प्रणाली बनाएगा। इसके अलावा, यह नियम फर्जी और डुप्लिकेट ड्राइविंग लाइसेंस को रोकने में भी मदद करेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लगभग 30% ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं, और आधार लिंकिंग इस समस्या को कम करेगा।
आधार और मोबाइल नंबर कैसे लिंक करें?
आधार को ड्राइविंग लाइसेंस से लिंक करने की प्रक्रिया काफी सरल है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा किया जा सकता है:
ऑनलाइन प्रक्रिया:
1. अपने राज्य के सड़क परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट, जैसे परिवहन पोर्टल (parivahan.gov.in) पर जाएं।
2. ‘लिंक आधार’ विकल्प पर क्लिक करें और ड्रॉप-डाउन मेनू से ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ चुनें।
3. अपना ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करें और ‘Get Details’ पर क्लिक करें।
4. अपना 12-अंकीय आधार नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें।
5. ‘Submit’ पर क्लिक करें, जिसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा।
6. OTP दर्ज करते ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, और आपको कन्फर्मेशन SMS प्राप्त होगा।
ऑफलाइन प्रक्रिया:
1. अपने नजदीकी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में जाएं।
2. आधार लिंकिंग फॉर्म भरें और अपने ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड की सेल्फ-अटेस्टेड फोटोकॉपी जमा करें।
3. RTO अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद, आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कन्फर्मेशन मिलेगा।
वाहन पंजीकरण के लिए भी अनिवार्य
ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ, वाहन मालिकों को भी अपने मोबाइल नंबर को आधार के साथ लिंक करना होगा। यह प्रक्रिया भी वाहन पोर्टल के जरिए की जा सकती है। इससे वाहन-संबंधी सेवाएं, जैसे पंजीकरण नवीकरण या पता बदलाव, और आसान हो जाएंगी।
इस नियम के फायदे क्या हैं?
– पारदर्शिता और धोखाधड़ी में कमी: आधार लिंकिंग से फर्जी और एकाधिक ड्राइविंग लाइसेंस का मुद्दा खत्म होगा।
– तेज सेवाएं: ऑनलाइन सेवाओं के जरिए लाइसेंस नवीकरण, पता बदलाव, या परमिट आवेदन जैसी प्रक्रियाएं तेज होंगी।
– बेहतर प्रवर्तन: सटीक संपर्क जानकारी के साथ ई-चालान प्रणाली अधिक प्रभावी होगी, और उल्लंघनकर्ताओं को ट्रैक करना आसान होगा।
– डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: यह नियम जन धन-आधार-मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी के तहत डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देता है।
क्या यह वाकई अनिवार्य है?
फिलहाल, मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य है, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य नहीं है। हालांकि, सरकार जल्द ही इसे पूरी तरह अनिवार्य कर सकती है, जैसा कि 2017 और 2020 में भी इस तरह के प्रस्ताव आए थे।
आगे क्या?
सरकार अब पता अपडेट को भी आधार के साथ जोड़ने पर विचार कर रही है, जिससे परिवहन डेटाबेस और भी सटीक हो सके। यह नियम न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ाएगा बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और सुव्यवस्थित करेगा।
आधार और मोबाइल नंबर लिंकिंग एक ऐसा कदम है जो भारत की परिवहन प्रणाली को और सुरक्षित व कुशल बनाएगा। अभी से अपना मोबाइल नंबर और आधार लिंक करना शुरू करें, ताकि आपको किसी भी तरह की परेशानी न हो। parivahan.gov.in या अपने राज्य के RTO पोर्टल पर जाएं और इस प्रक्रिया को आज ही पूरा करें!
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