Jagannath Rath Yatra 2024: Rath Yatra, also known as the Festival of Chariots, is one of the most awaited and grand festivals celebrated in India, particularly in Odisha. The festival is dedicated to Lord Jagannath, his brother Balabhadra, and sister Subhadra. The 2024 Rath Yatra promises to be a spectacular event with devotees from all over the world participating.
Rath Yatra 2024 Date
Rath Yatra 2024 की तिथि है 8 जुलाई। इस दिन को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथ यात्रा के रूप में मनाया जाएगा।
Jagannath Rath Yatra 2024
Jagannath Rath Yatra एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को तीन विशाल रथों पर रखकर उनकी यात्रा की जाती है। यह यात्रा पुरी, ओडिशा में होती है और लाखों भक्त इसमें शामिल होते हैं।
Rath Yatra 2024 Bengali Date
Rath Yatra 2024 की बंगाली तिथि है 8 जुलाई। बंगाल में भी यह त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, विशेषकर इस्कॉन मंदिरों में।
Rath Yatra 2024 Tithi
Rath Yatra 2024 की तिथि और समय इस प्रकार है:
- प्रारंभ: 8 जुलाई 2024, सुबह 7:00 बजे
- समाप्त: 9 जुलाई 2024, सुबह 5:00 बजे
Rath Yatra 2024 Ahmedabad
अहमदाबाद में भी Rath Yatra बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। यहाँ की Rath Yatra पूरे गुजरात में प्रसिद्ध है और हजारों भक्त इसमें भाग लेते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2024 in Hindi
जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना और उनके भव्य रथ यात्रा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार पुरी में होता है और इसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं।
Rath Yatra 2024 Route
पुरी में Rath Yatra का रूट बहुत ही प्रसिद्ध है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ श्री मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। यात्रा के दौरान भक्त इन रथों को खींचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
Ulto Rath Yatra Date
Ulto Rath Yatra, जिसे वापसी यात्रा भी कहते हैं, 16 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को वापस श्री मंदिर लाया जाता है।
Suna Besha 2024 Date
Suna Besha, जिसे स्वर्ण वेश भी कहते हैं, 17 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है।
Jagannath Puri Temple Closing Date 2024
जगन्नाथ पुरी मंदिर के बंद होने की तिथि 24 जुलाई 2024 है। इस दिन मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
Rath Yatra 2024 एक अद्वितीय और भव्य उत्सव होगा जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की महिमा को दर्शाता है। चाहे आप पुरी में हों या अहमदाबाद में, यह त्योहार भक्ति, आस्था और संस्कृति का एक अद्वितीय उदाहरण है। हम सबको इस महान पर्व में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए और भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।
Jagannath Rath Yatra: The Divine Journey
Jagannath Rath Yatra, जिसे रथ यात्रा भी कहा जाता है, एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह त्योहार भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिव्य यात्रा की कहानी।
The Divine Trio: Jagannath, Balabhadra, and Subhadra
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को ओडिशा के पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर में पूजा जाता है। यह मंदिर भारत के चार धामों में से एक है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है।
The Origin of Rath Yatra
रथ यात्रा की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके बारे में कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ स्वयं अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रथ पर सवार होकर बाहर आते हैं। यह यात्रा भगवान के भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा और प्रेम को दर्शाती है।
The Construction of the Chariots
हर साल, रथ यात्रा के लिए तीन विशाल रथ बनाए जाते हैं। ये रथ पूरी तरह से लकड़ी से बनाए जाते हैं और इन्हें बनाने में कई कुशल कारीगरों की मेहनत लगती है।
- भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’ कहलाता है और इसमें 16 पहिये होते हैं।
- बलभद्र का रथ ‘तालध्वज’ कहलाता है और इसमें 14 पहिये होते हैं।
- सुभद्रा का रथ ‘देवदलन’ कहलाता है और इसमें 12 पहिये होते हैं।
The Grand Procession
रथ यात्रा के दिन, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को इन भव्य रथों पर विराजमान किया जाता है। यह यात्रा श्री मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक होती है, जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भक्तजन इन रथों को खींचते हैं और भजन-कीर्तन करते हुए पूरे रास्ते भगवान का गुणगान करते हैं।
Significance of Rath Yatra
रथ यात्रा का महत्व बहुत गहरा है। इसे भगवान के भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस यात्रा के दौरान, सभी सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक भेदभाव मिट जाते हैं और सभी भक्त एक समान भाव से भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं।
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The Return Journey: Ulto Rath Yatra
रथ यात्रा के एक सप्ताह बाद, Ulto Rath Yatra या वापसी यात्रा होती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को वापस श्री मंदिर लाया जाता है। यह दिन भी उतना ही महत्वपूर्ण और भव्य होता है जितना कि रथ यात्रा का दिन।
Jagannath Rath Yatra एक अद्वितीय और भव्य उत्सव है जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की महिमा को दर्शाता है। यह त्योहार भक्ति, आस्था और संस्कृति का एक अद्वितीय उदाहरण है। हम सबको इस महान पर्व में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए और भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त करनी चाहिए।
Jagannath Rath Yatra की कहानी हमें यह सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों के लिए हमेशा सुलभ हैं और उनकी कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है। जय जगन्नाथ!
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