खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा इलाके में पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए पांच संदिग्धों को हथियारों और गोला-बारूद के साथ धर दबोचा। जानकारी के मुताबिक, ये नक्सली क्षेत्र में कोई बड़ा हिंसक घटनाक्रम अंजाम देने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर उनकी योजना विफल कर दी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पवन कुमार (उर्फ पवन महतो), कर्मा बारला, सेंटू सिंह, अभय कुमार सिंह (उर्फ अमन सिंह) और दीपक मुंडा शामिल हैं। इनसे एक देसी कार्बाइन राइफल (मैगजीन व जिंदा गोली के साथ), पीएलएफआई के प्रचार पर्चे, चार मोटरसाइकिल, पांच मोबाइल फोन और एक बैग बरामद किया गया।
घटना की शुरुआत तब हुई जब जिला पुलिस प्रमुख अमन कुमार को गुप्त सूचना मिली कि कर्रा थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सली सदस्यों की बैठक चल रही है। इसके बाद एएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर अशोक सिंह, रनिया थाना प्रभारी विकास जायसवाल, जरियागढ़ प्रभारी राजू कुमार और कर्रा प्रभारी मनीष कुमार को शामिल किया गया।
पुलिस ने तकनीकी सहायता और मुखबिरों के आधार पर रोन्हे जंगल क्षेत्र में छापामारी अभियान चलाया। खुफिया जानकारी के अनुसार, नक्सली संगठन का उद्देश्य इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाना, अवैध धन वसूली करना और ठेकेदारों को डराने-धमकाने की साजिश रचना था। छापे के दौरान पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जबकि कुछ अन्य मौके से फरार हो गए। पुलिस अब भागे हुए नक्सलियों की तलाश में जुटी है।
एएसपी केरकेट्टा ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ में पीएलएफआई से जुड़े कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि संगठन को स्थानीय स्तर पर नए सदस्य नहीं मिलने के कारण उसके नेता बाहर के युवाओं को लुभावने प्रलोभन देकर भर्ती कर रहे हैं। इन युवाओं को आकर्षक कपड़े, मोटरसाइकिल और मोबाइल जैसी सुविधाएं देकर हिंसक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। पुलिस ने पीएलएफआई के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज कर दिया है तथा संगठन के शीर्ष नेताओं को पकड़ने के लिए विशेष ऑपरेशन शुरू किया गया है। एएसपी ने दावा किया कि जल्द ही इस नक्सली समूह का जाल पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा।