One Nation, One Ration Card: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के लिए राशन का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को सख्त आदेश दिए। कोर्ट ने कहा है कि सभी राज्य जुलाई 2021 तक वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को लागू करें। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें राज्य के मजदूरों सहित सभी प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण का काम पूरा करें। 31 जुलाई 2021 तक असंगठित क्षेत्र।
तो आइए इस बहाने एक बार इस योजना को समझने की कोशिश करते हैं।
क्या है वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना?
मोदी सरकार ने 2019 में इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लागू किया गया है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश में 80 करोड़ से अधिक लोग गेहूं, चावल खरीदने के पात्र हैं। और कुछ अन्य खाद्यान्न सब्सिडी पर। इसके तहत इस वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का विस्तार किया गया है।
शुरुआत में इसे 4 राज्यों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन बाद में यह घोषणा की गई कि इसे मार्च 2021 तक पूरे देश में लागू किया जाएगा। हालांकि, कई राज्य ऐसे भी हैं जहां यह योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है। इस योजना का लक्ष्य है कि देश के प्रत्येक लाभार्थी, विशेषकर प्रवासियों को देश भर में किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से राशन मिलता रहे।
यह कैसे काम करता है?
मौजूदा व्यवस्था में ऐसा होता है कि अगर राशन कार्ड धारक अपने जिले, राज्य को छोड़कर कहीं और चला जाता है, तो वह अपने पुराने राशन कार्ड से राशन नहीं ले सकता है, लेकिन अगर यह योजना पूरे देश में लागू होती है, तो उसका एकमात्र राशन कार्ड पूरे देश में मान्य होगा। इस योजना का लक्ष्य यह है कि यदि कोई लाभार्थी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो भी वह खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन पर मिलने वाली सब्सिडी से वंचित न रहे।
सरकार भी भूख मिटाने के लिए यह योजना लेकर आई है। इसके साथ ही बिचौलियों के माध्यम से राशन वितरण में दखल देने और धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने की भी मंशा है.
कौन ले सकता है फायदा?
गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आने वाला कोई भी नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकता है। लाभार्थियों की पहचान उनके आधार यानी इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल के जरिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से की जाएगी। हर पीडीएस दुकान पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस उपलब्ध होगा। इसे किन राज्यों में लागू किया गया है?
वित्त मंत्रालय द्वारा 11 मार्च, 2021 को जारी एक सर्कुलर के अनुसार आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा सहित 17 राज्यों ने इस योजना को लागू किया है। , पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश।
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