भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा: चार स्तर की सुरक्षा, मेले का विशेष आयोजन
Security arrangements for Lord Jagannath Rath Yatra.रविवार, 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा देशभर में निकाली जाएगी। रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में यह यात्रा पूरे धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर नौ दिनों तक मेले का आयोजन भी होता है। रांची पुलिस ने रथ यात्रा की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है।
रांची: भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा को लेकर राजधानी रांची में तैयारियां अपने चरम पर हैं। जगन्नाथपुर स्थित मंदिर में 7 जुलाई को यह यात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी, जिसमें सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। रांची पुलिस ने चार स्तर की सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया है, जिससे यात्रा और मेले का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से हो सके।
सुरक्षा व्यवस्था की विशेष तैयारी
रांची पुलिस के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरक्षा के चार स्तर निर्धारित किए गए हैं। पहला स्तर मंदिर क्षेत्र के लिए है, जहां भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महिला और लाठी बल तैनात रहेंगे। दूसरा स्तर मेला क्षेत्र की सुरक्षा के लिए है, जहां दर्जनों पुलिसकर्मी निगरानी रखेंगे। तीसरे स्तर में मेला और मंदिर परिसर के चारों ओर बाइक सवार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जो लगातार गश्त करेंगे। चौथे स्तर में मेला परिसर में 8 से अधिक वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां से पुलिसकर्मी पूरे परिसर की निगरानी करेंगे।
मंदिर क्षेत्र में विशेष बैरिकेडिंग
जगन्नाथपुर मंदिर से लेकर 5 किलोमीटर के दायरे में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए मेला परिसर के इर्द-गिर्द सात स्थानों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। बैरिकेडिंग वाले स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे और किसी भी चार पहिया वाहन को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
वीआईपी मूवमेंट के लिए विशेष इंतजाम
रथ यात्रा के दिन झारखंड के मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी जगन्नाथपुर मंदिर में उपस्थित रहेंगे। वीआईपी सुरक्षा को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। सादे लिबास में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे ताकि वे चोर-उचक्कों पर नजर रख सकें।
रांची में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के इस पावन अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और भव्य आयोजन के बीच श्रद्धालु बिना किसी चिंता के अपनी आस्था व्यक्त कर सकेंगे।
Jagannath Rath Yatra 2024: A Grand Celebration,The Divine Journey