Khunti Lok Sabha elections: झारखंड की महत्वपूर्ण सीटों में से एक, खूंटी लोकसभा सीट पर किसके सिर पर ताज सजेगा, इसका फैसला अब 24 घंटे बाद होगा। अब बस एक रात का इंतजार है और मंगलवार की सुबह खूंटी लोकसभा सीट के सात प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। 13 मई को जो प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई थी, वह अब बाहर आएगी। मतगणना में केवल एक दिन शेष है और प्रत्याशियों के लिए समय भारी हो गया है। प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं और उनके समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता भी उत्सुक हैं। हार-जीत के दावे और गणित बैठाए जा रहे हैं।
भाजपा के सामने चुनौती: खूंटी लोकसभा सीट पर लंबे समय से भाजपा विजयी रही है। यहां से आठ बार पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने जीत हासिल की है। 2019 में अर्जुन मुंडा ने जीत हासिल की थी। अब उनके सामने इस सीट को बचाने की चुनौती है। वहीं कांग्रेस के टिकट पर तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे कालीचरण मुंडा के सामने लगातार हार के कलंक को धोने की चुनौती है।
कड़ा मुकाबला: इंडी गठबंधन के नेता और समर्थक कालीचरण मुंडा की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक कह रहे हैं कि भाजपा की जीत का सिलसिला जारी रहेगा। माना जा रहा है कि इन्हीं दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहेगा।
प्रत्याशियों की सूची: खूंटी लोकसभा सीट से कुल सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें भाजपा से अर्जुन मुंडा, कांग्रेस से कालीचरण मुंडा, झारखंड पार्टी से अर्पणा हंस, भारत आदिवासी पार्टी से बबीता कच्छप, बहुजन समाज पार्टी से सावित्री देवी, निर्दलीय प्रत्याशी बसंत कुमार लोंगा और पास्टर संजय कुमार तिर्की शामिल हैं। सभी प्रत्याशियों को अपनी जीत का भरोसा है और सभी ने दावा किया है कि वे चुनाव जीत रहे हैं।
2019 के परिणाम: 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था, जिसमें अर्जुन मुंडा ने 1445 वोटों के अंतर से कालीचरण मुंडा को हराया था। अर्जुन मुंडा को 3,82,638 वोट मिले थे, जबकि कालीचरण मुंडा को 3,81,193 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार खूंटी की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।