Tiger Safari In Jharkhand: झारखंड में बनेगा पहला टाइगर सफारी

झारखंड में बनेगा पहला टाइगर सफारी, पलामू टाइगर रिजर्व के बारवाडीह में शुरू होगा प्रोजेक्ट

लातेहार: झारखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और वन्यजीव संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने लातेहार जिले के बारवाडीह पश्चिमी वन रेंज के बाहरी क्षेत्र में, जो पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के अंतर्गत आता है, राज्य का पहला टाइगर सफारी स्थापित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना को न केवल पर्यटन के लिए बल्कि वन्यजीव संरक्षण और शिक्षा के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जो प्रकृति-आधारित मनोरंजन और अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करेगा। (Tiger Safari In Jharkhand)

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
झारखंड, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव-विविधता के लिए जाना जाता है, अब इस टाइगर सफारी के माध्यम से पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण पेश करने जा रहा है। पलामू टाइगर रिजर्व पहले से ही बाघों, तेंदुओं, हाथियों और अन्य वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। टाइगर सफारी के शुरू होने से न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह परियोजना राज्य के पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

संरक्षण और शिक्षा पर जोर
टाइगर सफारी (Tiger Safari) केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र नहीं होगी, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच भी होगा। इस सफारी में आगंतुकों को बाघों और अन्य वन्यजीवों के जीवन, उनके आवास और संरक्षण की चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। स्कूली बच्चों और युवाओं के लिए यह एक अनुभवात्मक शिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगा, जहां वे प्रकृति के करीब रहकर वन्यजीवों के महत्व को समझ सकेंगे।

परियोजना की विशेषताएं
स्थान: बारवाडीह पश्चिमी वन रेंज, पलामू टाइगर रिजर्व, लातेहार।
उद्देश्य: पर्यटन को बढ़ावा, वन्यजीव संरक्षण, और पर्यावरण शिक्षा।
आकर्षण: सुरक्षित वातावरण में बाघों को देखने का अवसर, प्रकृति-आधारित गतिविधियां।
आर्थिक लाभ: स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर, पर्यटन से राजस्व में वृद्धि।

स्थानीय समुदाय को लाभ
इस परियोजना से स्थानीय समुदाय को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। गाइड, ड्राइवर, होटल और रेस्तरां कर्मचारी जैसे कई क्षेत्रों में नौकरियां सृजित होंगी। इसके अलावा, स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी यह एक मंच प्रदान करेगा।

चुनौतियां और समाधान
हालांकि, इस तरह की परियोजना को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे वन्यजीवों की सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और स्थानीय लोगों का सहयोग। सरकार ने इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण विशेषज्ञों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों के साथ मिलकर योजना तैयार की है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परियोजना से न तो वन्यजीवों को कोई नुकसान हो और न ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो।

आगे की राह
झारखंड सरकार ने इस परियोजना के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण और योजना शुरू कर दी है। जल्द ही इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी और निर्माण कार्य शुरू होगा। सरकार का लक्ष्य है कि यह टाइगर सफारी न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट बने।

यह परियोजना झारखंड के लिए एक नई शुरुआत है, जो पर्यटन, संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है। पलामू टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटक जल्द ही इस अनूठे टाइगर सफारी का आनंद ले सकेंगे, जो प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति उनके प्रेम को और गहरा करेगा।

Jharkhand is establishing its first tiger safari in the Barwadih Western Forest Range in Latehar. This safari will be located in approximately 150 hectares of forest land. The Palamau Tiger Reserve, within Betla National Park, is the only existing tiger reserve in the state of Jharkhand. However, the new safari won’t house wild animals, but will focus on conflict animals.

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