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या उससे आधिक लोगों द्वारा
की गई हत्या मॉब लिंचिंग मानी जाएगी
25
लाख रुपए तक का लग सकेगा जुर्माना दोषियों पर
मॉब लिंचिंग के दायरे में क्या है
दो या दो से अधिक लोगों के समहू के द्वारा किसी व्यक्ति के साथ की गई घटना मॉब लिंचिंग होगी । साथ ही , व्यवसाय या कारोबार का बहिष्कार करना या उनकी आजीविका अर्जन को बाधित करना 1 मॉब लिंचिंग में आएगा । इशके आलवा शिक्षा ,स्वास्थ्य ,पेयजल या परिवहन सहित लोक सेवाओं से सार्वजनिक रूप से अपमानित करना या धमकी देना भी भीड़ हिंसा में शामिल होगा । धर्म ,जाति ,लिंग ,भाषा ,राजनीतिक संबद्धता आदि पर हिंसा का कोई कृत्य लिंचिंग में आएगा । सोशल मीडिया के जरिए लिंच करने के लिए मॉब को उकसाना भी इसी दायरे में होगा ।
आसंका पर कर सकेंगे कारवाई
थाने के पुलिस आधिकारी को मॉब लिंचिंग रोकने की जिम्मेवारी दी गई है । थन प्रभारी आपने आधिकार क्षेत्र में एसी किसी घटना पर काबू पाने केलिए कानूनी आधिकारी का उपयोग कर सकेंगे ओर कारवाई करेंगे । वही ,आईजी स्तर के आधिकारी को राज्य कोडिनेटोर नियुक्त किया जाएगा । वे राज्य में लिंचिंग रोकने की मॉनिटरिंग ओर समन्वय करेंगे । एसपी या एसएसपी भीड़ हिंसा जैसे घटनाओ को रोकने कि दिशा में कॉर्डिनेट करेंगे जिनकी सहायता के लिए डीएसपी स्तर के आधिकारी होंगे । डीसी ऐसी परिस्थिती की किसी भी आशंका पर कारवाई करेंगे ।
घटना के आधार पर सजा:
मॉब लिंचिंग में घटना के आधार पर सजा तय की गई है । अगर भीड़ हिंसा में पीड़ित घायल होता है तो दोषी को एक तय समय तक के लिए सजा दी जाएगी । इसे तीन साल तक बढाया जा सकेगा । साथ ही एक से तीन लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा । वहीं ,भीड़ हिंसा मे पेड़ित गंभीर रूप से घायल या अपंग होता है तो आजीवन कारावास या फिर एक तय समय के लिए बढ़ाया जा सकेगा । तीन से पाँच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा । पीड़ित की मृत्यु हो जाती है तो दोषी को आजीवन कारावास के साथ पाँच से 25 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा । अगर कोई व्यक्ति लिंच करने की साजिश में शामिल होता है तो वह भी उसी रूप में सजा का हकदार होगा । वहीं ,विधिक प्रक्रिया में बाधा पहुचने के लिए भी कारावास की सजा होगी ,जिसे तीन साल बढ़ाया जा सकता है ओर एक से तीन लाख तक का जुर्माना लग सकता है । साक्षी को शारीरिक रूप से या उनकी संपति को क्षति पहुँचने के लिए धमकाया जाता है तो उसे भी जेल होगी ओर सजा पाँच साल के लिए बढ़ाई जा सकेगी । साथ ही ,पाँच लाख तक जुर्माना वसूला जा सकेगा ।
मॉब लिंचिंग क्या है ।
मॉब लिंचिंग या मॉब लिंचिंग बिना किसी व्यवस्थित न्यायिक प्रक्रिया के एक अनौपचारिक गैर-प्रशासनिक समूह द्वारा पूर्व नियोजित हत्या या शारीरिक यातना है।कथित शब्द का प्रयोग अक्सर एक कथित अपराधी को अनुचित रूप से दंडित करने या एक समूह को डराने के लिए एक बड़ी भीड़ द्वारा सार्वजनिक हत्या, या अन्य शारीरिक यातना को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। एक अनुशासनहीन व्यक्ति उसे मरने तक भीड़ द्वारा पीटा जाता है। ऐसी अप्रिय घटना को मॉब लिंचिंग या मॉब लिंचिंग कहा जाता है।