JSSC-CGL

JSSC-CGL Result 2023: JSSC-CGL का रिजल्ट जारी, यहाँ देखें अपना रिजल्ट [21-22 सितंबर परीक्षा]

JSSC-CGL परिणाम 2023: JSSC-CGL का रिजल्ट जारी, यहाँ देखें अपना रिजल्ट [21-22 सितंबर परीक्षा]

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) 2023 का परिणाम जारी कर दिया है। जिन उम्मीदवारों ने 21 और 22 सितंबर 2023 को आयोजित परीक्षा में भाग लिया था, वे अब अपना रिजल्ट JSSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 का रिजल्ट जारी कर दिया है। अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट jssc.nic.in पर अपना परिणाम देख सकते हैं। इसके साथ ही, आयोग ने सफल अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का शेड्यूल भी जारी किया है, जो 16 दिसंबर से 20 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। आयोग ने अभ्यर्थियों को जांच शुरू होने से एक घंटा पहले जांच स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है।

रिजल्ट चेक करने की प्रक्रिया

उम्मीदवार नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करके अपना परिणाम देख सकते हैं:

  1. सबसे पहले JSSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. होमपेज पर “परिणाम” (Results) के सेक्शन में क्लिक करें।
  3. JSSC-CGL 2023 परीक्षा परिणाम से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
  4. अपना रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
  5. सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद, आपका परिणाम स्क्रीन पर दिखाई देगा।
  6. परिणाम डाउनलोड करें और भविष्य के लिए एक प्रिंटआउट रखें।

महत्वपूर्ण जानकारी

  • जिन उम्मीदवारों का चयन हुआ है, उन्हें जल्द ही अगले चरण की प्रक्रिया के लिए सूचित किया जाएगा।
  • मेरिट लिस्ट में उम्मीदवारों के स्कोर और कट-ऑफ अंक भी शामिल हैं।
  • कट-ऑफ विभिन्न श्रेणियों (General, OBC, SC, ST) के लिए अलग-अलग जारी की गई है।

आगे की प्रक्रिया

JSSC-CGL परीक्षा के अगले चरण में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शामिल हैं। चयनित उम्मीदवारों को अपनी सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखने की सलाह दी जाती है।

कट-ऑफ और रिजल्ट का विश्लेषण

इस साल की परीक्षा का कट-ऑफ पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा अधिक रहा, जिससे प्रतियोगिता का स्तर भी बढ़ा। विशेषज्ञों के अनुसार, उम्मीदवारों की तैयारी और परीक्षा पैटर्न में बदलाव के कारण ऐसा हुआ है।

महत्वपूर्ण तिथियां

  • रिजल्ट जारी होने की तिथि: दिसंबर 2023
  • डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की तिथि: जल्द ही घोषित की जाएगी।

निष्कर्ष

JSSC-CGL 2023 का परिणाम जारी होने के साथ, उम्मीदवारों को अगले चरण की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। यदि आपने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है, तो यह सरकारी नौकरी की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। जो उम्मीदवार चयनित नहीं हो सके, उन्हें निराश न होकर आगे की परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए।

शुभकामनाएँ!

The Old Man and the Sea

Summary of “The Old Man and the Sea” by Ernest Hemingway

English Summary:
The Old Man and the Sea is a short novel by Ernest Hemingway that tells the story of an old Cuban fisherman named Santiago and his struggle with a giant marlin far out in the Gulf Stream. Santiago has gone 84 days without catching a fish and is considered unlucky by others. His young apprentice, Manolin, is forbidden by his parents to fish with him, but the boy continues to care for the old man, helping him prepare his gear and bringing him food.

On the 85th day, Santiago sails alone into the sea and hooks a giant marlin. The fish is so powerful that it pulls Santiago’s skiff for two days and nights. Santiago admires the fish for its strength and endurance, seeing it as a worthy opponent. After an intense struggle, Santiago finally kills the marlin with a harpoon. However, on his way back to shore, sharks attack the marlin’s carcass, and despite Santiago’s efforts to fight them off, they devour the fish, leaving only its skeleton.

Santiago returns home exhausted, carrying only the marlin’s skeleton. Though he lost the fish, his courage, endurance, and determination earn him the respect of the other fishermen and reaffirm his own sense of dignity and pride.

The Old Man and the Sea
The Old Man and the Sea is a short novel by Ernest Hemingway.


Hindi Summary:
“द ओल्ड मैन एंड द सी” अर्नेस्ट हेमिंग्वे की लिखी हुई एक छोटी उपन्यास है, जो क्यूबा के एक वृद्ध मछुआरे सैंटियागो की कहानी है और उसकी संघर्ष की कहानी है जो समुद्र में एक विशाल मार्लिन मछली को पकड़ने के लिए होती है। सैंटियागो 84 दिनों से मछली नहीं पकड़ पाया है और उसे अन्य लोग अशुभ मानते हैं। उसका युवा साथी, मानोलिन, जो पहले उसके साथ मछली पकड़ने जाता था, अब अपने माता-पिता के कहने पर सैंटियागो के साथ नहीं जा सकता, लेकिन फिर भी वह उसकी देखभाल करता है और उसके लिए खाना लाता है।

85वें दिन सैंटियागो अकेले समुद्र में जाता है और एक विशाल मार्लिन को पकड़ता है। मछली इतनी ताकतवर होती है कि वह सैंटियागो की नाव को दो दिनों और रातों तक खींचती रहती है। सैंटियागो मछली की ताकत और सहनशीलता की प्रशंसा करता है और उसे एक योग्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है। लंबी लड़ाई के बाद, सैंटियागो आखिरकार मछली को हार्पून से मार देता है। हालांकि, जब वह उसे वापस किनारे पर ला रहा होता है, तो शार्क मछली के शव पर हमला करती हैं। सैंटियागो के सभी प्रयासों के बावजूद, शार्क मछली को खा जाती हैं, केवल उसका कंकाल बचा रहता है।

सैंटियागो थका हुआ घर लौटता है, केवल मार्लिन का कंकाल लेकर। भले ही वह मछली को खो देता है, लेकिन उसकी हिम्मत, सहनशीलता, और दृढ़ संकल्प अन्य मछुआरों की नजर में उसके सम्मान को बढ़ाते हैं और उसकी अपनी गरिमा और गर्व की भावना को पुनः स्थापित करते हैं।

Question and Answer:
Q: Why does Santiago respect the marlin in The Old Man and the Sea?

A: Santiago respects the marlin because it is a strong and worthy opponent, displaying courage and endurance, much like himself. He admires the fish’s beauty and strength, seeing it as an equal in the struggle for survival.
Q: What is the significance of the sharks in the story?

A: The sharks symbolize the destructive forces that can strip away one’s hard-earned success. Despite Santiago’s triumph in catching the marlin, the sharks devour it, leaving only the skeleton, which represents the transient nature of victory.
Q: How does Santiago’s relationship with Manolin reflect the theme of mentorship?

A: Santiago’s relationship with Manolin shows the theme of mentorship and the passing of knowledge. Although Manolin cannot fish with Santiago due to his parents, he continues to learn from and care for the old man, representing the bond between the generations.
Q: What is the main conflict in The Old Man and the Sea?

A: The main conflict is Santiago’s struggle against the marlin, which is symbolic of man’s battle against nature, isolation, and the quest for personal achievement. It is also an internal conflict where Santiago wrestles with his own doubts and determination.
Q: What lesson does the novel convey about success and failure?

A: The novel teaches that true success is not measured by external accomplishments but by one’s inner strength, persistence, and courage. Santiago may lose the fish to the sharks, but he gains a personal victory in his endurance and spirit.

Hindi Question and Answer:

प्रश्न: सैंटियागो द ओल्ड मैन एंड द सी में मार्लिन का सम्मान क्यों करता है?

उत्तर: सैंटियागो मार्लिन का सम्मान करता है क्योंकि यह एक मजबूत और योग्य प्रतिद्वंद्वी है, जो खुद की तरह ही साहस और धीरज दिखाता है। वह मछली की सुंदरता और ताकत की प्रशंसा करता है, उसे अस्तित्व के संघर्ष में बराबर का मानता है।

प्रश्न: कहानी में शार्क का क्या महत्व है?

उत्तर: शार्क विनाशकारी शक्तियों का प्रतीक हैं जो किसी की कड़ी मेहनत से अर्जित सफलता को छीन सकती हैं। मार्लिन को पकड़ने में सैंटियागो की जीत के बावजूद, शार्क उसे खा जाती हैं, केवल कंकाल छोड़ती हैं, जो जीत की क्षणभंगुर प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रश्न: सैंटियागो का मनोलिन के साथ संबंध मेंटरशिप के विषय को कैसे दर्शाता है?

उत्तर: सैंटियागो का मनोलिन के साथ संबंध मेंटरशिप और ज्ञान के हस्तांतरण के विषय को दर्शाता है। हालाँकि मनोलिन अपने माता-पिता के कारण सैंटियागो के साथ मछली नहीं पकड़ सकता, लेकिन वह बूढ़े आदमी से सीखना और उसकी देखभाल करना जारी रखता है, जो पीढ़ियों के बीच के बंधन का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न: द ओल्ड मैन एंड द सी में मुख्य संघर्ष क्या है?

उत्तर: मुख्य संघर्ष सैंटियागो का मार्लिन के विरुद्ध संघर्ष है, जो प्रकृति के विरुद्ध मनुष्य की लड़ाई, अलगाव और व्यक्तिगत उपलब्धि की खोज का प्रतीक है। यह एक आंतरिक संघर्ष भी है जहाँ सैंटियागो अपने स्वयं के संदेह और दृढ़ संकल्प से जूझता है।
प्रश्न: उपन्यास सफलता और असफलता के बारे में क्या सबक देता है?

उत्तर: उपन्यास सिखाता है कि सच्ची सफलता बाहरी उपलब्धियों से नहीं बल्कि किसी की आंतरिक शक्ति, दृढ़ता और साहस से मापी जाती है। सैंटियागो शार्क के हाथों मछली खो सकता है, लेकिन वह अपने धीरज और उत्साह से व्यक्तिगत जीत हासिल करता है।

 
 

JSSC CGL 2024: महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर – झारखंड सामान्य ज्ञान (JSSC Previous Year Papers)

JSSC CGL 2024: महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर – झारखंड सामान्य ज्ञान | JSSC CGL परीक्षा 2024 के लिए झारखंड से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर, Previous Year Papers, Jharkhand General Knowledge, (#JSSCCGL2024,
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प्रश्न 1:

प्रश्न: झारखंड का गठन किस वर्ष हुआ था?
उत्तर: झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था।

प्रश्न 2:

प्रश्न: झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैं? (2024 के अनुसार)
उत्तर: झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं।

प्रश्न 3:

प्रश्न: झारखंड की राजधानी कौन सी है?
उत्तर: झारखंड की राजधानी रांची है।

प्रश्न 4:

प्रश्न: झारखंड का राज्य पशु कौन है?
उत्तर: झारखंड का राज्य पशु हाथी (एशियाई हाथी) है।

प्रश्न 5:

प्रश्न: रांची किस नदी के किनारे स्थित है?
उत्तर: रांची सुवर्णरेखा नदी के किनारे स्थित है।

प्रश्न 6:

प्रश्न: झारखंड में सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?
उत्तर: झारखंड की सबसे ऊँची चोटी पारसनाथ है।

प्रश्न 7:

प्रश्न: संथाल विद्रोह कब हुआ था?
उत्तर: संथाल विद्रोह 1855-1856 में हुआ था।

प्रश्न 8:

प्रश्न: बिरसा मुंडा का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड के उलीहातू गाँव में हुआ था।

प्रश्न 9:

प्रश्न: झारखंड का प्रमुख त्योहार कौन सा है?
उत्तर: झारखंड का प्रमुख त्योहार सरहुल है, जो प्रकृति पूजा का प्रतीक है।

प्रश्न 10:

प्रश्न: टाटा स्टील संयंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर: टाटा स्टील संयंत्र जमशेदपुर में स्थित है।

प्रश्न 11:

प्रश्न: झारखंड की किस जनजाति का नृत्य “छऊ” प्रसिद्ध है?
उत्तर: “छऊ” नृत्य संथाल और ओड़िया जनजातियों का प्रसिद्ध नृत्य है।

प्रश्न 12:

प्रश्न: झारखंड का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य कौन सा है?
उत्तर: पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है।

प्रश्न 13:

प्रश्न: झारखंड में कुल कितने जिले हैं?
उत्तर: झारखंड में कुल 24 जिले हैं।

प्रश्न 14:

प्रश्न: “पलामू किला” किस जिले में स्थित है?
उत्तर: पलामू किला झारखंड के पलामू जिले में स्थित है।

प्रश्न 15:

प्रश्न: झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे?
उत्तर: झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे।

प्रश्न 16:

प्रश्न: झारखंड में किस खनिज का सर्वाधिक उत्पादन होता है?
उत्तर: झारखंड में कोयले का सर्वाधिक उत्पादन होता है।

प्रश्न 17:

प्रश्न: झारखंड में किस भाषा को राज्य की द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है?
उत्तर: झारखंड में संताली भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।

प्रश्न 18:

प्रश्न: दामोदर नदी किस क्षेत्र में प्रमुख नदी है?
उत्तर: दामोदर नदी झारखंड और पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में प्रमुख नदी है।

प्रश्न 19:

प्रश्न: तेनुघाट जलविद्युत परियोजना किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: तेनुघाट जलविद्युत परियोजना दामोदर नदी पर स्थित है।

प्रश्न 20:

प्रश्न: झारखंड में सबसे बड़ा बांध कौन सा है?
उत्तर: झारखंड का सबसे बड़ा बांध मैथन डैम है, जो दामोदर नदी पर स्थित है।

प्रश्न 21:

प्रश्न: ‘बिरसा कृषि विश्वविद्यालय’ कहाँ स्थित है?
उत्तर: ‘बिरसा कृषि विश्वविद्यालय’ रांची में स्थित है।

प्रश्न 22:

प्रश्न: झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक शहर का नाम क्या है?
उत्तर: झारखंड का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर जमशेदपुर है।

प्रश्न 23:

प्रश्न: रजरप्पा मंदिर किस देवी को समर्पित है?
उत्तर: रजरप्पा मंदिर देवी छिन्नमस्तिका को समर्पित है।

प्रश्न 24:

प्रश्न: “पतरातू ताप विद्युत संयंत्र” किस जिले में स्थित है?
उत्तर: “पतरातू ताप विद्युत संयंत्र” रामगढ़ जिले में स्थित है।

प्रश्न 25:

प्रश्न: झारखंड का कौन सा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है?
उत्तर: “रॉक आर्ट ऑफ हजारीबाग” यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।

प्रश्न 26:

प्रश्न: झारखंड में ‘कोयल नदी’ का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर: ‘कोयल नदी’ का उद्गम स्थल पलामू जिले के पास है।

प्रश्न 27:

प्रश्न: झारखंड की किस नदी को ‘झारखंड की जीवन रेखा’ कहा जाता है?
उत्तर: दामोदर नदी को ‘झारखंड की जीवन रेखा’ कहा जाता है।

प्रश्न 28:

प्रश्न: “झारखंड आंदोलन” की शुरुआत किसके नेतृत्व में हुई थी?
उत्तर: “झारखंड आंदोलन” की शुरुआत बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुई थी।

प्रश्न 29:

प्रश्न: झारखंड में प्रमुख लौह अयस्क क्षेत्र कौन सा है?
उत्तर: पश्चिम सिंहभूम जिला झारखंड का प्रमुख लौह अयस्क क्षेत्र है।

प्रश्न 30:

प्रश्न: झारखंड में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?
उत्तर: झारखंड में 1 राष्ट्रीय उद्यान है, जिसका नाम “बेतला राष्ट्रीय उद्यान” है।

प्रश्न 31:

प्रश्न: झारखंड की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
उत्तर: झारखंड की सबसे लंबी नदी स्वर्णरेखा नदी है।

प्रश्न 32:

प्रश्न: झारखंड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से किस पर निर्भर करती है?
उत्तर: झारखंड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खनिज संसाधनों और औद्योगिक उत्पादन पर निर्भर करती है।

प्रश्न 33:

प्रश्न: झारखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर: झारखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 79,710 वर्ग किलोमीटर है।

प्रश्न 34:

प्रश्न: ‘जोन्हा जलप्रपात’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: ‘जोन्हा जलप्रपात’ रांची के पास रारू नदी पर स्थित है।

प्रश्न 35:

प्रश्न: झारखंड की किस जनजाति का सबसे बड़ा पर्व ‘सोरहाई’ है?
उत्तर: ‘सोरहाई’ पर्व संथाल जनजाति का सबसे बड़ा पर्व है।

प्रश्न 36:

प्रश्न: “तिलैया डैम” किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: “तिलैया डैम” बराकर नदी पर स्थित है।

प्रश्न 37:

प्रश्न: झारखंड में किस जनजाति को सबसे ज्यादा संख्या में पाया जाता है?
उत्तर: झारखंड में संथाल जनजाति की संख्या सबसे अधिक है।

प्रश्न 38:

प्रश्न: हजारीबाग की प्रसिद्ध झील का नाम क्या है?
उत्तर: हजारीबाग की प्रसिद्ध झील का नाम “हजारीबाग झील” है।

प्रश्न 39:

प्रश्न: ‘दामोदर घाटी निगम (DVC)’ की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: ‘दामोदर घाटी निगम (DVC)’ की स्थापना 7 जुलाई 1948 को हुई थी।

प्रश्न 40:

प्रश्न: झारखंड के पहले राज्यपाल कौन थे?
उत्तर: झारखंड के पहले राज्यपाल प्रभात कुमार थे।

प्रश्न 41:

प्रश्न: झारखंड का कौन सा जिला ‘मैकलुस्कीगंज’ के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: ‘मैकलुस्कीगंज’ रांची जिले में स्थित है और यह एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 42:

प्रश्न: ‘पंचघाघ जलप्रपात’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘पंचघाघ जलप्रपात’ खूंटी जिले में स्थित है।

प्रश्न 43:

प्रश्न: झारखंड की प्रमुख जनजातियों में से एक ‘मुंडा जनजाति’ का मुख्य पर्व कौन सा है?
उत्तर: ‘मुंडा जनजाति’ का मुख्य पर्व ‘मागे पर्व’ है।

प्रश्न 44:

प्रश्न: झारखंड के किस स्थान पर सबसे पहले कोयला खनन शुरू हुआ था?
उत्तर: झारखंड के धनबाद जिले में सबसे पहले कोयला खनन शुरू हुआ था।

प्रश्न 45:

प्रश्न: झारखंड के किस उद्योगिक क्षेत्र को ‘स्टील सिटी’ के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: जमशेदपुर को ‘स्टील सिटी’ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 46:

प्रश्न: ‘बेतला राष्ट्रीय उद्यान’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘बेतला राष्ट्रीय उद्यान’ पलामू जिले में स्थित है।

प्रश्न 47:

प्रश्न: झारखंड में ‘तुग्गा जलप्रपात’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: ‘तुग्गा जलप्रपात’ झारखंड के गुमला जिले में स्थित है और यह शंख नदी पर स्थित है।

प्रश्न 48:

प्रश्न: ‘टाटा मोटर्स’ का मुख्यालय झारखंड के किस शहर में स्थित है?
उत्तर: ‘टाटा मोटर्स’ का मुख्यालय जमशेदपुर में स्थित है।

प्रश्न 49:

प्रश्न: झारखंड में कौन सा जिला ‘ब्लैक डायमंड’ (कोयले) के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: धनबाद जिला ‘ब्लैक डायमंड’ के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 50:

प्रश्न: झारखंड के किस शहर को ‘कोयला राजधानी’ कहा जाता है?
उत्तर: धनबाद शहर को ‘कोयला राजधानी’ कहा जाता है।

प्रश्न 51:

प्रश्न: ‘खरकई नदी’ किस नदी की सहायक नदी है?
उत्तर: ‘खरकई नदी’ स्वर्णरेखा नदी की सहायक नदी है।

प्रश्न 52:

प्रश्न: झारखंड में ‘हो जनजाति’ किस भाषा का उपयोग करती है?
उत्तर: ‘हो जनजाति’ मुख्य रूप से ‘हो भाषा’ का उपयोग करती है।

प्रश्न 41:

प्रश्न: झारखंड का सबसे बड़ा शहर कौन सा है?
उत्तर: झारखंड का सबसे बड़ा शहर जमशेदपुर है।

प्रश्न 42:

प्रश्न: झारखंड में ‘टाटा स्टील’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
उत्तर: ‘टाटा स्टील’ की स्थापना जमशेदपुर में वर्ष 1907 में हुई थी।

प्रश्न 43:

प्रश्न: झारखंड के किस जिले में कोयला भंडार सबसे अधिक पाया जाता है?
उत्तर: धनबाद जिले में सबसे अधिक कोयला भंडार पाया जाता है।

प्रश्न 44:

प्रश्न: झारखंड की कौन सी भाषा सबसे अधिक बोली जाती है?
उत्तर: झारखंड में हिंदी सबसे अधिक बोली जाती है। इसके अलावा, संथाली, कुड़ुख, और मुंडारी भी प्रमुख भाषाएँ हैं।

प्रश्न 45:

प्रश्न: ‘रवि शंकर विश्वविद्यालय’ का नाम बदलकर क्या रखा गया है?
उत्तर: ‘रवि शंकर विश्वविद्यालय’ का नाम बदलकर ‘रांची विश्वविद्यालय’ रखा गया है।

प्रश्न 46:

प्रश्न: झारखंड में स्थित ‘नेतरहाट विद्यालय’ किस लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: ‘नेतरहाट विद्यालय’ अपनी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 47:

प्रश्न: झारखंड की किस जनजाति में ‘करमा’ पर्व मनाया जाता है?
उत्तर: ‘करमा’ पर्व संथाल और उरांव जनजातियों द्वारा मनाया जाता है।

प्रश्न 48:

प्रश्न: बिरसा मुंडा हवाई अड्डा किस शहर में स्थित है?
उत्तर: बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची में स्थित है।

प्रश्न 49:

प्रश्न: झारखंड में पहला खनिज आधारित उद्योग कौन सा है?
उत्तर: जमशेदपुर में स्थापित ‘टाटा स्टील’ झारखंड का पहला खनिज आधारित उद्योग है।

प्रश्न 50:

प्रश्न: पलामू का किला किस राजा द्वारा बनवाया गया था?
उत्तर: पलामू का किला चेरो राजा मेदिन राय द्वारा बनवाया गया था।

प्रश्न 51:

प्रश्न: झारखंड के किस वन्यजीव अभयारण्य में हाथियों की अधिकतम संख्या पाई जाती है?
उत्तर: ‘दालमा वन्यजीव अभयारण्य’ में हाथियों की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है।

प्रश्न 52:

प्रश्न: झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन थीं?
उत्तर: झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री कोई नहीं रहीं। अभी तक किसी महिला ने इस पद को नहीं संभाला है।

प्रश्न 53:

प्रश्न: झारखंड के किस पर्वत को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर: पारसनाथ पर्वत को जैन धर्मावलंबियों द्वारा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

प्रश्न 54:

प्रश्न: झारखंड के किस जिले में ‘हिरण’ सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं?
उत्तर: हजारीबाग जिले में हिरण सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं।

प्रश्न 55:

प्रश्न: झारखंड में ‘सरहुल’ पर्व कब मनाया जाता है?
उत्तर: ‘सरहुल’ पर्व चैत्र महीने के दौरान (मार्च-अप्रैल) मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए होता है।

प्रश्न 56:

प्रश्न: ‘हुदुड़ दुर्गा’ किस जनजाति का लोकगीत है?
उत्तर: ‘हुदुड़ दुर्गा’ उरांव जनजाति का लोकगीत है।

प्रश्न 57:

प्रश्न: झारखंड की किस नदी को ‘रोरिंग रिवर’ कहा जाता है?
उत्तर: ‘स्वर्णरेखा नदी’ को उसके तेज प्रवाह के कारण ‘रोरिंग रिवर’ कहा जाता है।

प्रश्न 58:

प्रश्न: झारखंड के किस जिले में ‘मैथन डैम’ स्थित है?
उत्तर: ‘मैथन डैम’ धनबाद जिले में स्थित है।

प्रश्न 59:

प्रश्न: ‘लाल पानी’ का संदर्भ किस खनिज से है?
उत्तर: ‘लाल पानी’ का संदर्भ लौह अयस्क से है, जो पानी में लौह कणों के घुलने के कारण लाल दिखाई देता है।

प्रश्न 60:

प्रश्न: झारखंड में ‘बिरसा मुंडा’ के नेतृत्व में कौन सा प्रमुख आंदोलन हुआ था?
उत्तर: ‘बिरसा मुंडा’ के नेतृत्व में “उलगुलान” (विद्रोह) हुआ था, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रमुख आदिवासी विद्रोह था।

प्रश्न 62:

प्रश्न: झारखंड में ‘हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य’ किस लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: ‘हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य’ बाघ और हिरण की बड़ी संख्या के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 63:

प्रश्न: झारखंड का पहला विज्ञान शहर (Science City) कहाँ स्थित है?
उत्तर: झारखंड का पहला विज्ञान शहर रांची में स्थित है।

प्रश्न 64:

प्रश्न: झारखंड के किस शहर को ‘स्टील सिटी’ कहा जाता है?
उत्तर: जमशेदपुर को ‘स्टील सिटी’ कहा जाता है।

प्रश्न 65:

प्रश्न: ‘रजरप्पा मंदिर’ किस देवी को समर्पित है?
उत्तर: ‘रजरप्पा मंदिर’ देवी छिन्नमस्तिका को समर्पित है।

प्रश्न 66:

प्रश्न: झारखंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय कौन सा है?
उत्तर: ‘रांची विश्वविद्यालय’ झारखंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी।

प्रश्न 67:

प्रश्न: झारखंड में कौन सा खनिज ‘काला सोना’ के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: कोयला झारखंड में ‘काला सोना’ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 68:

प्रश्न: ‘नेतरहाट’ किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: ‘नेतरहाट’ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नेतरहाट आवासीय विद्यालय के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 69:

प्रश्न: झारखंड का कौन सा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है?
उत्तर: झारखंड के ‘सारंडा वन क्षेत्र’ का कुछ हिस्सा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।

प्रश्न 70:

प्रश्न: झारखंड के किस क्षेत्र में ‘तसर रेशम’ का उत्पादन होता है?
उत्तर: झारखंड के रांची, हजारीबाग और सिंहभूम जिलों में ‘तसर रेशम’ का उत्पादन होता है।

प्रश्न 71:

प्रश्न: झारखंड में ‘चांदेल पहाड़ी’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘चांदेल पहाड़ी’ गुमला जिले में स्थित है।

प्रश्न 72:

प्रश्न: ‘पतरातू ताप विद्युत परियोजना’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘पतरातू ताप विद्युत परियोजना’ रामगढ़ जिले में स्थित है।

प्रश्न 73:

प्रश्न: झारखंड के किस जिले को ‘ब्लैक डायमंड’ जिले के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: धनबाद जिले को ‘ब्लैक डायमंड’ जिले के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 74:

प्रश्न: झारखंड की प्रमुख जनजातियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: झारखंड की प्रमुख जनजातियाँ संथाल, उरांव, मुंडा, हो, खरिया, और असुर हैं।

प्रश्न 75:

प्रश्न: झारखंड के किस स्थान पर ‘छऊ नृत्य’ का आयोजन होता है?
उत्तर: ‘छऊ नृत्य’ का आयोजन सरायकेला और चाईबासा क्षेत्रों में होता है।

प्रश्न 76:

प्रश्न: ‘मुरैटी बांध’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: ‘मुरैटी बांध’ दामोदर नदी पर स्थित है।

प्रश्न 77:

प्रश्न: ‘पारसनाथ पर्वत’ किस धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थान है?
उत्तर: ‘पारसनाथ पर्वत’ जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है।

प्रश्न 78:

प्रश्न: झारखंड के किस शहर में ‘आईआईटी’ (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) स्थित है?
उत्तर: झारखंड में ‘आईआईटी’ धनबाद में स्थित है। इसे पहले ‘आईएसएम’ (भारतीय खनन विद्यालय) कहा जाता था।

प्रश्न 79:

प्रश्न: झारखंड में कौन सा राष्ट्रीय उद्यान बाघ संरक्षण के लिए जाना जाता है?
उत्तर: ‘बेतला राष्ट्रीय उद्यान’ बाघ संरक्षण के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 80:

प्रश्न: ‘कैनरी हिल्स’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘कैनरी हिल्स’ हजारीबाग जिले में स्थित है।

प्रश्न 81:

प्रश्न: झारखंड में ‘टाटा मोटर्स’ की प्रमुख इकाई कहाँ स्थित है?
उत्तर: ‘टाटा मोटर्स’ की प्रमुख इकाई जमशेदपुर में स्थित है।

प्रश्न 82:

प्रश्न: झारखंड की राजधानी रांची किस पठार पर स्थित है?
उत्तर: रांची छोटानागपुर पठार पर स्थित है।

प्रश्न 83:

प्रश्न: झारखंड के किस जिले को ‘इंडस्ट्रियल सिटी’ के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: जमशेदपुर को ‘इंडस्ट्रियल सिटी’ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 84:

प्रश्न: झारखंड का पहला मुख्यमंत्री कौन था?
उत्तर: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे।

प्रश्न 85:

प्रश्न: ‘स्वर्णरेखा नदी’ का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर: ‘स्वर्णरेखा नदी’ का उद्गम स्थल रांची जिले के पास है।

प्रश्न 86:

प्रश्न: ‘बिरसा मुंडा’ का जन्म किस जिले में हुआ था?
उत्तर: ‘बिरसा मुंडा’ का जन्म खूंटी जिले में हुआ था।

प्रश्न 87:

प्रश्न: ‘हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान’ किस जानवर के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: ‘हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान’ बाघ और हिरण के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 88:

प्रश्न: झारखंड की प्रमुख फसल कौन सी है?
उत्तर: झारखंड की प्रमुख फसल धान है।

प्रश्न 89:

प्रश्न: झारखंड में ‘तिलैया डैम’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: ‘तिलैया डैम’ बराकर नदी पर स्थित है।

प्रश्न 90:

प्रश्न: झारखंड का राजकीय पशु कौन सा है?
उत्तर: झारखंड का राजकीय पशु हाथी है।

प्रश्न 91:

प्रश्न: ‘कोणार डैम’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: ‘कोणार डैम’ कोणार नदी पर स्थित है।

प्रश्न 92:

प्रश्न: ‘दामोदर नदी’ का सबसे बड़ा बांध कौन सा है?
उत्तर: ‘दामोदर नदी’ का सबसे बड़ा बांध मैथन डैम है।

प्रश्न 93:

प्रश्न: झारखंड के किस शहर को ‘ब्लैक डायमंड सिटी’ कहा जाता है?
उत्तर: धनबाद को ‘ब्लैक डायमंड सिटी’ कहा जाता है, क्योंकि यह कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 94:

प्रश्न: झारखंड का ‘पतरातू ताप विद्युत संयंत्र’ किस जिले में स्थित है?
उत्तर: ‘पतरातू ताप विद्युत संयंत्र’ रामगढ़ जिले में स्थित है।

प्रश्न 95:

प्रश्न: ‘राजमहल पहाड़ियाँ’ किस जिले में स्थित हैं?
उत्तर: ‘राजमहल पहाड़ियाँ’ साहिबगंज जिले में स्थित हैं।

प्रश्न 96:

प्रश्न: ‘बिरसा कृषि विश्वविद्यालय’ कहाँ स्थित है?
उत्तर: ‘बिरसा कृषि विश्वविद्यालय’ रांची में स्थित है।

प्रश्न 97:

प्रश्न: झारखंड के किस क्षेत्र में ‘तसर रेशम’ का उत्पादन होता है?
उत्तर: ‘तसर रेशम’ का उत्पादन रांची, हजारीबाग, और सिंहभूम जिलों में होता है।

प्रश्न 98:

प्रश्न: झारखंड का राजकीय पक्षी कौन सा है?
उत्तर: झारखंड का राजकीय पक्षी कोयल है।

प्रश्न 99:

प्रश्न: झारखंड के ‘नेतरहाट’ को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: ‘नेतरहाट’ को ‘छोटानागपुर की रानी’ के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 100:

प्रश्न: झारखंड में ‘बोध गया’ से निकटतम तीर्थ स्थल कौन सा है?
उत्तर: झारखंड में बोध गया से निकटतम तीर्थ स्थल पारसनाथ पर्वत है, जो जैन धर्म का प्रमुख स्थल है।

JSSC CGL सैंपल पेपर (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग – संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा) 2024

JSSC CGL सैंपल पेपर (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग – संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा) 2024

भाग 1: सामान्य ज्ञान (General Knowledge)

  1. निम्नलिखित में से कौन सा झारखंड का राजकीय पशु है?
    (a) बाघ
    (b) हाथी
    (c) गैंडा
    (d) मोर

  2. संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
    (a) डॉ. भीमराव आंबेडकर
    (b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
    (c) जवाहरलाल नेहरू
    (d) सरदार वल्लभभाई पटेल

  3. प्रथम विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ था?
    (a) 1914
    (b) 1918
    (c) 1920
    (d) 1945

  4. झारखंड राज्य कब अस्तित्व में आया?
    (a) 2000
    (b) 1999
    (c) 1995
    (d) 2005

  5. भारत में प्रथम सविनय अवज्ञा आंदोलन किसके नेतृत्व में हुआ था?
    (a) महात्मा गांधी
    (b) सुभाष चंद्र बोस
    (c) बाल गंगाधर तिलक
    (d) जवाहरलाल नेहरू


भाग 2: गणित (Mathematics)

  1. यदि एक ट्रेन 120 किमी/घंटा की गति से 2 घंटे में एक दूरी तय करती है, तो ट्रेन द्वारा तय की गई कुल दूरी क्या है?
    (a) 240 किमी
    (b) 360 किमी
    (c) 180 किमी
    (d) 300 किमी

  2. दो संख्याओं का अनुपात 3:5 है। यदि दूसरी संख्या 40 है, तो पहली संख्या क्या होगी?
    (a) 24
    (b) 30
    (c) 18
    (d) 50

  3. 75 का 16% कितना होगा?
    (a) 12
    (b) 10
    (c) 14
    (d) 15

  4. एक वस्तु पर 20% की छूट के बाद उसका मूल्य ₹160 है। वस्तु का मूल मूल्य क्या था?
    (a) ₹200
    (b) ₹180
    (c) ₹220
    (d) ₹240

  5. यदि एक आदमी 5 दिनों में एक काम का 40% करता है, तो वह पूरा काम कितने दिनों में पूरा करेगा?
    (a) 10
    (b) 12.5
    (c) 15
    (d) 8


भाग 3: सामान्य बुद्धिमत्ता (Reasoning)

  1. यदि “BOOK” को “ANPJ” के रूप में लिखा जाता है, तो “PAPER” को कैसे लिखा जाएगा?
    (a) OZODQ
    (b) QBQFS
    (c) OZOES
    (d) QBQFS

  2. एक घड़ी में 3:15 बजे का कोण कितना होगा?
    (a) 0°
    (b) 90°
    (c) 7.5°
    (d) 30°

  3. श्रृंखला को पूरा करें: 2, 6, 12, 20, 30, ?
    (a) 40
    (b) 42
    (c) 36
    (d) 50

  4. यदि कुछ कुत्ते सभी जानवर हैं और सभी जानवर पक्षी हैं, तो सभी कुत्ते पक्षी हैं। यह कौन सा निष्कर्ष है?
    (a) सत्य
    (b) असत्य
    (c) संभावना
    (d) गलत निष्कर्ष

  5. निम्नलिखित में से विषम शब्द का चयन करें:
    (a) टाइगर
    (b) लायन
    (c) डॉग
    (d) एलिफेंट


भाग 4: हिंदी भाषा (Hindi Language)

  1. निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य चुनें:
    (a) मैं स्कूल जा रही हूँ।
    (b) मैं स्कूल जा रहीं हूँ।
    (c) मैं स्कूल जाऊँगी।
    (d) मैं स्कूल जाऊँगा।

  2. ‘विद्यार्थी’ का विलोम शब्द क्या है?
    (a) शिक्षक
    (b) आलसी
    (c) नीरस
    (d) पाठक

  3. ‘आकाश’ का पर्यायवाची शब्द क्या है?
    (a) जल
    (b) नभ
    (c) पवन
    (d) अग्नि

  4. ‘धूप’ शब्द का सही अर्थ क्या है?
    (a) सूर्य की किरणें
    (b) आग
    (c) धुआँ
    (d) रोशनी

  5. निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य संधि विच्छेद के लिए सही है?
    (a) विद्य + आलय = विद्यालय
    (b) विद्या + आलय = विद्यालय
    (c) विद + यालय = विद्यालय
    (d) विद् + यालय = विद्यालय


भाग 5: सामान्य विज्ञान (General Science)

  1. निम्नलिखित में से कौन सा अम्ल बारिश के पानी में पाया जाता है?
    (a) सल्फ्यूरिक अम्ल
    (b) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
    (c) नाइट्रिक अम्ल
    (d) एसिटिक अम्ल

  2. पौधों में जल का परिवहन कौन करता है?
    (a) जाइलम
    (b) फ्लोएम
    (c) वेसिल
    (d) स्टेम

  3. मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कहाँ होता है?
    (a) मस्तिष्क
    (b) यकृत
    (c) अस्थिमज्जा
    (d) हृदय

  4. न्यूटन का कौन सा नियम गति का पहला नियम है?
    (a) जड़त्व का नियम
    (b) बल का नियम
    (c) क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम
    (d) गति का नियम

  5. वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में कौन सी गैस होती है?
    (a) ऑक्सीजन
    (b) नाइट्रोजन
    (c) कार्बन डाइऑक्साइड
    (d) हाइड्रोजन


उत्तर कुंजी (Answer Key)

भाग 1: सामान्य ज्ञान

  1. (b)
  2. (b)
  3. (b)
  4. (a)
  5. (a)

भाग 2: गणित

  1. (a)
  2. (a)
  3. (c)
  4. (a)
  5. (b)

भाग 3: सामान्य बुद्धिमत्ता

  1. (a)
  2. (c)
  3. (a)
  4. (a)
  5. (c)

भाग 4: हिंदी भाषा

  1. (a)
  2. (b)
  3. (b)
  4. (a)
  5. (b)

भाग 5: सामान्य विज्ञान

  1. (a)
  2. (a)
  3. (c)
  4. (a)
  5. (b)

नोट: यह सैंपल पेपर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा की तैयारी के लिए बनाया गया है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए आपको नियमित अभ्यास और सटीकता पर ध्यान देना चाहिए।

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general English comprising of English Comprehension, English Grammar and English Word power as well as English Essay writing

General English comprising of English Comprehension, English Grammar and English Word power as well as English Essay writing.

Study Material for General English


1. English Comprehension

A. Reading Comprehension

  • Types of Passages: Narrative, Descriptive, Expository, and Persuasive
  • Strategies:
    • Skim the passage first to get the main idea.
    • Read questions before reading the passage in detail.
    • Look for keywords and phrases related to the questions.
    • Re-read relevant sections to answer specific questions.

B. Sample Passages and Questions

  • Passage 1: (Include a short narrative passage with questions on the main idea, details, inference, vocabulary in context, and author’s tone.)
  • Passage 2: (Include a descriptive passage with questions on structure, comparison, cause and effect, and summary.)
  • Practice Questions: (Provide a set of practice questions with varying difficulty levels.)

2. English Grammar

A. Parts of Speech

  • Nouns: Common, Proper, Countable, Uncountable, Collective
  • Pronouns: Personal, Possessive, Reflexive, Relative, Demonstrative
  • Adjectives: Descriptive, Quantitative, Demonstrative, Possessive, Interrogative
  • Verbs: Main, Auxiliary, Modal, Transitive, Intransitive
  • Adverbs: Manner, Place, Time, Frequency, Degree
  • Prepositions: Time, Place, Direction
  • Conjunctions: Coordinating, Subordinating, Correlative
  • Interjections: Expressing emotions or sudden feelings

B. Sentence Structure

  • Simple Sentences: Subject + Verb + Object
  • Compound Sentences: Coordinating conjunctions (and, but, or)
  • Complex Sentences: Subordinating conjunctions (because, since, although)
  • Compound-Complex Sentences: Combination of compound and complex sentences

C. Tenses

  • Present Tense: Simple, Continuous, Perfect, Perfect Continuous
  • Past Tense: Simple, Continuous, Perfect, Perfect Continuous
  • Future Tense: Simple, Continuous, Perfect, Perfect Continuous

D. Common Errors

  • Subject-Verb Agreement: Ensuring subject and verb match in number.
  • Tense Consistency: Maintaining the same tense throughout a passage.
  • Pronoun Reference: Pronouns should clearly refer to specific nouns.
  • Misplaced Modifiers: Placing descriptive words/phrases close to what they describe.

3. English Word Power

A. Vocabulary Building

  • Roots, Prefixes, and Suffixes: Understanding word formation.
  • Synonyms and Antonyms: Learning words with similar and opposite meanings.
  • Homophones and Homonyms: Words that sound the same but have different meanings or spellings.
  • Idioms and Phrases: Common expressions and their meanings.

B. Word Lists

  • High-Frequency Words: Words commonly used in everyday language.
  • Academic Vocabulary: Words often found in academic texts.
  • Contextual Vocabulary: Words specific to certain contexts or fields.

C. Practice Exercises

  • Fill in the Blanks: Using the correct word based on context.
  • Word Matching: Matching words with their definitions.
  • Sentence Completion: Completing sentences with appropriate vocabulary.

4. English Essay Writing

A. Types of Essays

  • Narrative Essays: Telling a story or recounting an experience.
  • Descriptive Essays: Painting a picture with words about a person, place, or thing.
  • Expository Essays: Explaining a topic or idea with facts and examples.
  • Persuasive Essays: Convincing the reader of a particular point of view.

B. Essay Structure

  • Introduction: Hook, background information, and thesis statement.
  • Body Paragraphs: Topic sentence, supporting details, and examples.
  • Conclusion: Restating the thesis, summarizing key points, and final thoughts.

C. Writing Tips

  • Clarity and Coherence: Ensuring the essay is easy to understand and logically organized.
  • Transition Words: Using words and phrases to connect ideas smoothly.
  • Revision and Editing: Reviewing the essay for errors and improving sentence structure and word choice.

D. Sample Essays

  • Narrative Essay: (Provide a sample essay with a clear beginning, middle, and end.)
  • Descriptive Essay: (Provide a sample essay with vivid descriptions.)
  • Expository Essay: (Provide a sample essay with clear explanations and examples.)
  • Persuasive Essay: (Provide a sample essay with strong arguments and evidence.)

E. Practice Prompts

  • Narrative: Write about a memorable trip or experience.
  • Descriptive: Describe your favorite place in detail.
  • Expository: Explain the benefits of learning a new language.
  • Persuasive: Argue for or against the use of technology in classrooms.

This study material is designed to cover the essential aspects of General English, providing a comprehensive guide for learners to enhance their skills in comprehension, grammar, vocabulary, and essay writing.

Exam Postponed: JGGLCCE-2023 Third Shift Exam on 04.02.2024 Deferred Due to Question Leak

 Exam Postponed: JGGLCCE-2023 Third Shift Exam on 04.02.2024 Deferred Due to Question Leak

Jharkhand General Graduate Level Combined Competitive Examination (JGGLCCE-2023) Faces Setback After Question Leak Incident

JGGLCCE-2023 exam postponed

In a recent development under the Jharkhand General Graduate Level Combined Competitive Examination (JGGLCCE-2023), the third shift examination for General Knowledge, scheduled for January 28, 2024, has been marred by the leaking of certain questions. The incident and related case have been registered at the Roche Police Station under FIR number 45/2024, dated January 29, 2024, invoking sections 467/468/420/120(B) of the Indian Penal Code, Section 66 of the Information Technology Act, and the Jharkhand Competitive Examination (Prevention of Unfair Means and Malpractices in Recruitment) Act, 2023.

In view of these circumstances, a thorough review of all security measures related to the examination is deemed necessary. Consequently, the JGGLCCE-2023 examination scheduled for February 4, 2024, has been postponed. The rescheduled date for the examination will be promptly announced on the commission’s official website after a comprehensive and detailed examination of all security arrangements.

Furthermore, the third shift examination held on January 28, 2024, has been officially canceled. Additionally, the first and second shift examinations conducted on the same date are also nullified. The commission will soon publish the newly determined dates for the re-examinations of the affected sessions.

Candidates and stakeholders are advised to stay updated through the official website for any further announcements regarding the rescheduling of the aforementioned examination.

more:  JSSC CGL: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 2023 की JSSC CGL परीक्षा का एक पेपर रद्द कर दिया

This unexpected turn of events highlights the importance of maintaining the integrity and security of competitive examinations, and the commission is taking necessary steps to ensure a fair and unbiased evaluation process for all candidates.

Twspost news times

JSSC CGL अंतिम मिनट टिप्स 2024: एडमिट कार्ड लिंक और परीक्षा समय की जांच करें (JSSC CGL Last Minute Tips 2024: Check Admit Card Link And Exam Timing)

JSSC CGL अंतिम मिनट टिप्स 2024: एडमिट कार्ड लिंक और परीक्षा समय की जांच करें

Jharkhand Staff Selection Commission (JSSC) is all set to conduct the Combined Graduate Level (CGL) examination on January 28 and February 4, 2024. The objective of this examination is to shortlist eligible candidates for various positions, including Assistant Branch Officer, Junior Secretariat Assistant, Block Supply, and more, for the vacancies from the year 2017. As the exam dates approach, candidates must devise a robust preparation strategy and familiarize themselves with effective last-minute preparation tips. Here, we have highlighted some effective suggestions for your last-minute preparation for the JSSC CGL exam.

JSSC CGL 2024

JSSC CGL अंतिम-मिनट की तैयारी युक्तियाँ

As candidates gear up for the upcoming JSSC CGL 2024 examination, it is crucial to ensure a confident performance on the day of the exam. To achieve this, consider aligning your preparation with the following tips and strategies:

  1. पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न का गहन ज्ञान (In-depth Knowledge of Syllabus and Exam Pattern):
    Gain a thorough understanding of the JSSC syllabus and exam pattern to have clarity on the subjects included in the exam. Solve questions from each subject with confidence.

  2. एक पुनरीक्षण योजना बनाएं (Create a Revision Plan):
    Develop a well-structured revision plan that allocates sufficient time for the revision of all important topics. This ensures a comprehensive review of the subjects.

  3. कुछ भी नया शुरू न करें (Avoid Starting Anything New):
    Resist the temptation to start a new topic at the last minute, as it may only lead to confusion and impact your confidence levels. Stick to the topics you are already familiar with.

  4. अपना समय बुद्धिमानी से प्रबंधित करें (Manage Your Time Wisely):
    Avoid spending excessive time on a single question. Start with the questions you are confident about and reserve more time for complex or time-consuming ones after completing the initial round.

  5. उचित नींद लें (Get Adequate Sleep):
    Ensure you get enough sleep before the exam day to reduce anxiety and maintain focus during the examination. A well-rested mind performs better.

Read more:

जेएसएससी सीजीएल एडमिट कार्ड

The commission has activated the JSSC CGL admit card download link on its official website jssc.Nic.In. Candidates can download their admit cards directly from the provided link. Without the admit card, entry to the examination hall will not be permitted.

[JSSC CGL एडमिट कार्ड 2024 लिंक]

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पैटर्न 2024

The JSSC CGL examination is divided into three papers, each lasting for 2 hours. The distribution of marks and the number of questions for each paper are detailed in the table below:

जेएसएससी सीजीएल पेपर 1 परीक्षा पैटर्न

विषय प्रशन निशान समय अवधि
हिन्दी भाषा 60 180 02 घंटे
अंग्रेजी भाषा 60 180
कुल 120 360

जेएसएससी सीजीएल पेपर 2 परीक्षा पैटर्न

विषय सवाल निशान समय अवधि
चयनित भाषा या क्षेत्रीय भाषा 100 300 02 घंटे
कुल 100 300

जेएसएससी सीजीएल पेपर 3 परीक्षा पैटर्न

विषय सवाल निशान समय अवधि
सामान्य विज्ञान 20 60 02 घंटे
सामान्य अध्ययन 30 90
तर्क और मानसिक क्षमता 20 60
मात्रात्मक रूझान 20 60
सामान्य ज्ञान (झारखंड) 40 120
कंप्यूटर 20 60
कुल 150 450

इस परीक्षा के लिए तैयारी में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को इन तैयारी युक्तियों का सख्ती से पालन करना चाहिए। अब से ही एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और एक सफल परीक्षा की ओर बढ़ने के लिए अपनी तैयारी में जुट जाएं।

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JSSC CGL Admit Card जारी: परीक्षा 28 जनवरी को, डाउनलोड करें

 JSSC CGL Admit Card जारी: परीक्षा 28 जनवरी को, डाउनलोड करें

JSSC CGL Admit Card download: झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (JSSC CGL) के लिए आवश्यक एडमिट कार्ड आज जारी किए गए हैं। परीक्षा 28 जनवरी को होने वाली है और उन सभी अभ्यर्थियों को सुचित किया जाता है जिनका परीक्षा तिथि 28 जनवरी है।

JSSC CGL Admit Card 2023

उन सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि वे आधिकारिक वेबसाइट jssc.nic.in पर जाकर अपने JSSC CGL परीक्षा के एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर सकते हैं। एडमिट कार्ड में परीक्षा केंद्र, समय और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी होगी, जिससे परीक्षार्थी सही समय पर पहुंच सकें।

एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए कदम:

1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – jssc.nic.in

2. होमपेज पर “Latest Updates” सेक्शन में जाएं

3. JSSC CGL Admit Card 2024 लिंक पर क्लिक करें

4. आवश्यक विवरण भरें और एडमिट कार्ड डाउनलोड करें

ध्यान दें कि जिन अभ्यर्थियों की परीक्षा 4 फरवरी को है, उनके एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड डाक से नहीं भेजे जाएंगे, इसलिए सभी अभ्यर्थियों से निवेदन है कि वे इसे ऑनलाइन डाउनलोड करें।

इस भर्ती परीक्षा के माध्यम से कुल 2025 वैकेंसी भरी जाएंगी और यह एक महत्वपूर्ण कदम है झारखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि के प्रति।

अधिक जानकारी के लिए, अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम सुचनाएं देख सकते हैं।

FAQ (पूछे जाने वाले प्रश्न) – हिन्दी

1. JSSC CGL Admit Card कैसे डाउनलोड करें?

उत्तर: JSSC CGL Admit Card डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

   – आधिकारिक वेबसाइट jssc.nic.in पर जाएं।

   – “Latest Updates” सेक्शन में जाएं और JSSC CGL Admit Card 2024 लिंक पर क्लिक करें।

   – आवश्यक विवरण भरें और एडमिट कार्ड डाउनलोड करें।

2. परीक्षा की तारीख से पहले ही एडमिट कार्ड क्यों जारी किए गए हैं?

उत्तर: एडमिट कार्ड को परीक्षा से पहले जारी करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को परीक्षा केंद्र, समय और अन्य आवश्यक जानकारी के साथ सही समय पर तैयार होने में मदद करना है।

3. परीक्षा से संबंधित और अधिक जानकारी कहाँ प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर: अधिक जानकारी के लिए, अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम सुचनाएं देख सकते हैं – [jssc.nic.in](http://jssc.nic.in)

4. क्या सभी परीक्षार्थी एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, सिर्फ उन परीक्षार्थियों को ही एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का अधिकार है जिनकी परीक्षा की तारीख 28 जनवरी है। जिन परीक्षार्थियों की परीक्षा 4 फरवरी को है, उनके एडमिट कार्ड जल्द को जारी होंगे।

5. इस भर्ती परीक्षा में कुल कितनी वैकेंसी हैं?

उत्तर: इस भर्ती परीक्षा के माध्यम से कुल 2025 वैकेंसी भरी जाएंगी।

नोट: अधिक जानकारी के लिए, सीधे आधिकारिक वेबसाइट [jssc.nic.in](http://jssc.nic.in) पर जाएं और नवीनतम सुचनाएं प्राप्त करें।

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Hindi Grammar (हिन्दी व्याकरण) concepts with examples.

Hindi grammar covers various aspects such as nouns, pronouns, verbs, adjectives, adverbs, prepositions, conjunctions, and more. Let’s cover some basic concepts and rules for each of these:

Hindi Grammar

Nouns (संज्ञा – Sangya):

Nouns in Hindi are classified into two genders: masculine (पुल्लिंग) and feminine (स्त्रीलिंग).

They also have different forms for singular and plural.

Pronouns (सर्वनाम – Sarvnaam):

Pronouns replace nouns and help avoid repetition. Common pronouns include ‘मैं’ (I), ‘तुम’ (You), ‘वह’ (He/She), etc.

Verbs (क्रिया – Kriya):

Hindi verbs change their forms based on the gender and number of the subject.

They also have different forms for tense (past, present, future) and aspects (simple, continuous, perfect).

Adjectives (विशेषण – Visheshaṇ):

Adjectives modify nouns. They agree with the gender and number of the noun they describe.

Adverbs (क्रिया विशेषण – Kriya Visheshaṇ):

Adverbs modify verbs, adjectives, or other adverbs. They provide information about how, when, where, etc.

Prepositions (सम्बंध सूचक – Sambandh Suchak):

Prepositions indicate relationships between words in a sentence. Common prepositions include ‘के पास’ (near), ‘के लिए’ (for), ‘में’ (in), etc.

Conjunctions (संयोजन – Sanyojan):

Conjunctions connect words, phrases, or clauses. Common conjunctions include ‘और’ (and), ‘या’ (or), ‘परंतु’ (but), etc.

Tense (काल – Kaal):

Hindi has three main tenses: past (भूतकाल), present (वर्तमानकाल), and future (भविष्यकाल).

Aspect (क्रिया के प्रकार – Kriya ke Prakar):

Hindi verbs can be classified into three aspects: simple (सामान्य), continuous (सतत), and perfect (पूर्ण).

Let’s go through each of the concepts with examples:

Certainly! Let’s go through each of the concepts with examples:

1. Nouns (संज्ञा – Sangya):

   – Nouns are names of people, places, things, or ideas. They can be masculine or feminine, and they have singular and plural forms.

     – Example: गाड़ी (car), लड़का (boy), बाल (hair).

2. Pronouns (सर्वनाम – Sarvnaam):

   – Pronouns replace nouns to avoid repetition. Common pronouns include ‘मैं’ (I), ‘तुम’ (You), ‘वह’ (He/She), etc.

     – Example: राज गोली खाए। वह बहुत बुरा है। (Raj got shot. He is very hurt.)

3. Verbs (क्रिया – Kriya):

   – Verbs are action words. They change forms based on the gender and number of the subject, as well as tense and aspect.

     – Example: खाना (to eat), लिखना (to write), पढ़ना (to read).

4. Adjectives (विशेषण – Visheshaṇ):

   – Adjectives modify nouns. They agree with the gender and number of the noun they describe.

     – Example: सुंदर फूल (beautiful flower), बड़ा घर (big house), नीला कमरबंद (blue waistband).

5. Adverbs (क्रिया विशेषण – Kriya Visheshaṇ):

   – Adverbs modify verbs, adjectives, or other adverbs. They provide information about how, when, where, etc.

     – Example: धीरे से बोलो (speak slowly), यहाँ बैठो (sit here), बहुत अच्छी तरह से (very well).

6. Prepositions (सम्बंध सूचक – Sambandh Suchak):

   – Prepositions indicate relationships between words. Common prepositions include ‘के पास’ (near), ‘के लिए’ (for), ‘में’ (in).

     – Example: टेबल पर किताब है (The book is on the table), मेरे बग़ल में (beside me).

7. Conjunctions (संयोजन – Sanyojan):

   – Conjunctions connect words, phrases, or clauses. Common conjunctions include ‘और’ (and), ‘या’ (or), ‘परंतु’ (but).

     – Example: राज और सीता आएंगे (Raj and Seeta will come), या तो खाओ या पीओ (either eat or drink).

8. Tense (काल – Kaal):

   – Hindi has past (भूतकाल), present (वर्तमानकाल), and future (भविष्यकाल) tenses.

     – Example: वह खाना खा रहा है (He is eating), मैंने किताब पढ़ी (I read the book).

9. Aspect (क्रिया के प्रकार – Kriya ke Prakar):

   – Hindi verbs can be simple (सामान्य), continuous (सतत), or perfect (पूर्ण).

     – Example: वह खाना खा रहा है (He is eating – continuous aspect), मैंने खाना खा लिया है (I have eaten – perfect aspect).

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JGGLCCE-2023 : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने CGL परीक्षा की तारीख जारी की, चयनित अभ्यर्थियों को होगी लाखों में सैलरी

 JGGLCCE-2023 परीक्षा के सफल आयोजन के बारे में कल, जेएसएससी (JSSC) कार्यालय में शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों के नोडल पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें परीक्षा के सफल आयोजन के बारे में चर्चा की गई। आयोग ने घोषणा की है कि प्रवेश पत्र के लिए एक लिंक जल्द ही जारी किया जाएगा, जिससे उम्मीदवार अपनी परीक्षा की तैयारी को और भी सुगम बना सकें।

(JSSC) CGL


रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने न्यू एज स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए एक अच्छी खबर जारी की है। आयोग ने जारी किए गए पत्र के अनुसार, CGL परीक्षा 28 जनवरी और 4 फरवरी को आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा का आयोजन तीन पालियों में होगा।

परीक्षा के सफल आयोजन के बारे में आयोग ने कल अपने कार्यालय में सभी जिलों के नोडल पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। प्रवेश पत्र के लिए लिंक जल्द ही जारी कर दिया जाएगा, इसकी घोषणा की गई है।


पहले स्थगित हुई परीक्षा:

यह परीक्षा पहले 16 और 17 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन अयोग द्वारा आयोजन कराने में असमर्थता की जानकर परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद, तैयारी में जुटे छात्रों की उम्मीदें बढ़ गई थीं।


चयन प्रक्रिया:

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अंतर्गत विभिन्न रिक्त पदों पर उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया दो चरणों में होगी। पहले चरण में लिखित परीक्षा (पेपर 1, 2 और 3) होगी, और इसके पश्चात सफल उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा।

भर्ती पदों पर विवरण:

1. सहायक प्रशाखा पदाधिकारी – 863 पद

2. जूनियर सचिवालय सहायक – 335 पद

3. श्रम प्रवर्तन अधिकारी – 182 पद

4. योजना सहायक – 5 पद

5. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी – 195 पद

6. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी – 252 पद

7. अंचल अधिकारी – 185 पद


सैलरी विवरण:

1. सहायक प्रशाखा पदाधिकारी – लेवल 7 – 49900 – 142400

2. कनीय सचिवालय सहायक – लेवल 2 – 19900 – 63200

3. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी – लेवल 6 – 35400 – 112400

4. प्लानिंग असिस्टेंट – लेवल 5 – 29200 – 93300


यह सूचना तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी राहत है, और उन्हें आगामी परीक्षा के लिए तैयारी करने का अच्छा अवसर प्रदान किया गया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) – JSSC CGL परीक्षा:


1. प्रश्न: JSSC CGL परीक्षा कब होने वाली है?

उत्तर: JSSC CGL परीक्षा का आयोजन 28 जनवरी और 4 फरवरी को होने की योजना है, जैसा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने हाल ही में घोषणा की है।


2. प्रश्न: JSSC CGL परीक्षा में कितने चरण होते हैं?

उत्तर: JSSC CGL परीक्षा तीन चरणों से मिलकर होती है, जिससे उम्मीदवारों का व्यापक मूल्यांकन होता है।


3. प्रश्न: पिछली परीक्षा को क्यों स्थगित किया गया था?

उत्तर: 16 और 17 दिसंबर को होने वाली पिछली परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था क्योंकि एजेंसी को परीक्षा आयोजित कराने में समस्या आई थी। इस निर्णय को आयोग ने लॉजिस्टिकल कारणों और अयोग्यता के कारण लिया था।

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भारत के 75वें आज़ादी दिवस पर निबंध | Essay on 75th Independence Day of India in Hindi (2023)

 भारत के 75वें आज़ादी दिवस पर निबंध

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भारत के 75वें आज़ादी दिवस

    प्रस्तावना: (Introduction)

    भारत एक ऐतिहासिक दिन की ओर बढ़ता है, जब देश ने अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। यह दिन न केवल भारतीयों के लिए गर्व का संदर्भ है, बल्कि यह भी एक ऐसा समय है जब हमें अपने देश की शक्ति, समृद्धि, और एकता को याद करने का मौका मिलता है।

    ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: (historical background)

    15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर अपनी आज़ादी हासिल की थी। इस दिन को भारतीयों ने बड़े धूमधाम से मनाया और देश ने नए युग की शुरुआत की थी।

    75वें स्वतंत्रता दिवस का महत्व: (Significance of 75th Independence Day)

    यह साल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे देश के 75 साल पूरे होने का संकेत है। इस समय में, हमें अपने इतिहास, संघर्ष, और सफलता की दिशा में देखने का अवसर मिलता है। इस समय में हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता बहुत बड़े संघर्षों और बलिदानों के बाद ही हासिल हुई है।

    समृद्धि की दिशा: (direction of prosperity)

    भारत ने इन 75 सालों में अनेक विकासों और प्रगतियों को देखा है। देश ने विज्ञान, तकनीक, और आर्थिक क्षेत्र में कई मील के पत्थर साधे हैं। हमारी युवा शक्ति ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है और विश्व में भारत को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया है।

    सामरिक एकता: (strategic unity)

    75वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारी सबसे बड़ी ताक़त हमारी एकता में है। हमें भारतीय समाज के सभी वर्गों को एक साथ आने का आह्वान करना चाहिए ताकि हम समृद्धि और समाज में समानता की दिशा में आगे बढ़ सकें।

    आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव कार्यक्रम: (75th Amrit Mahotsav Program of Independence)

    भारत के 75वें आज़ादी अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में कई आयोजन और आयोजन हुई हैं और हो रही हैं। इनमें से कुछ प्रमुख आयोजन निम्नलिखित हो सकती हैं:

    1. राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन:

       आज़ादी के 75वें साल पर विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, भारतीय नौसेना दिवस, भारतीय वायुसेना दिवस, और अन्य पर्वों के आयोजन शामिल हैं।

    2. समृद्धि यात्रा:

       एक विशेष “समृद्धि यात्रा” का आयोजन किया गया है, जो देशभर में आज़ादी के 75 सालों के अवसर पर यात्रा कर रही है। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को बड़े समर्पण और ऊर्जा के साथ मनाना है।

    3. विशेष कार्यक्रम और समारोह:

       अनेक राज्यों और नगरों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ शामिल कर्मकांड, सांस्कृतिक प्रदर्शन, नाट्य और संगीत कार्यक्रम, विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताएं, और रैलियां शामिल हैं।

    4. शिक्षा क्षेत्र में कार्यक्रम:

       स्कूल और कॉलेजों में छात्रों के लिए विशेष शिक्षा कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं ताकि वे अपने राष्ट्रीय गौरव और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आभासी बन सकें।

    5. कला और साहित्य में समर्पित कार्यक्रम:

       कला, साहित्य, और भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में विशेष कार्यक्रम और उत्सवों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कलाकारों का प्रदर्शन, कार्यशालाएं, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।

    इन आयोजनों और कार्यक्रम के माध्यम से, भारतीय समाज ने अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस को अद्वितीय और यादगार बनाने के लिए एक समृद्ध और विविध प्रस्तुति किया है।

    निष्कर्ष:

    इस 75वें स्वतंत्रता दिवस पर, हमें गर्व महसूस होना चाहिए कि हम एक स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें अपने देश के इतिहास, विकास, और समृद्धि के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और सभी समस्याओं का सामना करने के लिए एकजुट होकर समर्थन करना चाहिए। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का सफलता से भरा होना चाहिए ताकि हम आने वालेसमय में और भी उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ सकें।

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    झारखंड की कला और संस्कृति (Art & Culture of Jharkhand in Hindi)

    झारखंड की कला और संस्कृति (Art & Culture of Jharkhand in Hindi):

    झारखंड की कला और संस्कृति:

    झारखंड भारत के उपमहाद्वीप के मध्य में स्थित है और यहाँ की कला और संस्कृति भारतीय धर्म, जीवनशैली और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    Art & Culture of Jharkhand in Hindi



    1. छऊआ नृत्य (Chhau Dance): झारखंड में छऊआ नृत्य एक प्रमुख लोक नृत्य है, जिसमें कलाकार खगडिया, सेरइकेला और पुरुलिया के विभिन्न अंचलों के परंपरागत बने मुखौआ और छऊआ पहनते हैं। यह नृत्य जबरा पुरुलिया में आयोजित होने वाले छऊआ पर्व के दौरान अद्भुत रूप में दिखाई देता है।

    2. झारखंडी पेंच (Jharkhandi Painting): झारखंड में पारंपरिक रूप से चित्रकला की परंपरा है, जिसे झारखंडी पेंच कहा जाता है। इसमें गांव के जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, और स्थानीय परंपराओं का चित्रण किया जाता है।

    3. झारखंडी गीत (Jharkhandi Songs): झारखंड में गाये जाने वाले लोकगीत और झारखंडी धुन क्षेत्रीय संगीत की धरोहर हैं। यह गीत जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले बोल और संगीत के साथ होते हैं।

    4. पर्वों और त्योहारों का महत्व: झारखंड के लोग अपने परंपरागत पर्वों 
    और त्योहारों को महत्वपूर्ण रूप से मनाते हैं, जैसे छऊआ पर्व, सरहुल पर्व, तुसू मेला, नाग पंचमी, और छठ पर्व।

    5. वस्त्र कला (Textile Art): झारखंड की वस्त्र कला में स्थानीय डिज़ाइन्स और रंगों का अद्भुत संगम होता है। स्थानीय वस्त्रों में परंपरागत मोटी कढ़ाई और विशेषकर कांथा काम प्रमुख हैं।

    झारखंड की कला और संस्कृति विविधता और रिचनेस के साथ भरपूर है, और यह इस राज्य के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    Art & Culture of Jharkhand in English:

    Jharkhand, located in the central part of India, has a rich and diverse cultural heritage that is an integral part of Indian art, lifestyle, and traditions. Here are some key aspects of the art and culture of Jharkhand:

    1. Chhau Dance: Chhau dance is a prominent folk dance in Jharkhand, where performers wear traditional masks and costumes from various regions such as Khagaria, Seraikela, and Purulia. This dance is showcased in a spectacular manner, especially during the Chhau festival held in Purulia.

    2. Jharkhandi Painting: Jharkhand has a traditional tradition of painting known as “Jharkhandi Pech,” which depicts rural life, natural beauty, and local traditions through art. These paintings are known for their vibrant colors and unique themes.

    3. Jharkhandi Songs: Folk songs and Jharkhandi tunes are a significant part of regional music in Jharkhand. These songs capture various facets of life with touching lyrics and melodies.

    4. Importance of Festivals and Celebrations: The people of Jharkhand celebrate their traditional festivals and events with great significance. Some of the important festivals include Chhau Parva, Sarhul, Tusu Mela, Nag Panchami, and Chhath Puja.

    5. Textile Art: The textile art of Jharkhand features a beautiful amalgamation of local designs and vibrant colors. Traditional motifs and intricate embroidery, particularly Kantha work, are prominent in the state’s textiles.

    The art and culture of Jharkhand are marked by their diversity and richness, playing a significant role in the individual and 
    social life of the state.

    Q&A in English (Questions and Answers in English):

    1. प्रश्न: झारखंड के प्रमुख पर्व और त्योहार क्या हैं?
       उत्तर: झारखंड में मुख्य पर्व और त्योहारों में छऊआ पर्व, सरहुल पर्व, तुसू मेला, नाग पंचमी, और छठ पर्व शामिल हैं।

    2. प्रश्न: झारखंडी पेंच क्या है?
       उत्तर: झारखंडी पेंच झारखंड की पारंपरिक चित्रकला है, जिसमें गांव के जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, और स्थानीय परंपराओं का चित्रण किया जाता है।

    3. प्रश्न: झारखंड में कौन-कौन से लोकनृत्य होते हैं?
       उत्तर: झारखंड में छऊआ और सर्की नृत्य प्रमुख लोकनृत्य हैं, जिनमें कलाकार खगडिया, सेरइकेला, और पुरुलिया के विभिन्न अंचलों के परंपरागत बने मुखौआ और छऊआ पहनते हैं।


    1. Question: What are the major festivals and celebrations in Jharkhand?
       Answer: The major festivals and celebrations in Jharkhand include Chhau Parva, Sarhul, Tusu Mela, Nag Panchami, and Chhath Puja.

    2. Question: What is Jharkhandi Pech?
       Answer: Jharkhandi Pech is a traditional form of painting in Jharkhand that depicts rural life, natural beauty, and local traditions through art.

    3. Question: What are the main folk dances in Jharkhand?
       Answer: The main folk dances in Jharkhand are Chhau and Sirkī dance, where artists from different regions like Khagaria, Seraikela, and Purulia wear traditional masks and costumes and perform.

    Certainly, here are some more questions and answers related to the art and culture of Jharkhand in both Hindi and English:


    4. प्रश्न: झारखंड की वस्त्र कला का महत्व क्या है?
       उत्तर: झारखंड की वस्त्र कला में स्थानीय डिज़ाइन्स और रंगों का अद्भुत संगम होता है। स्थानीय वस्त्रों में परंपरागत मोटी कढ़ाई और विशेषकर कांथा काम प्रमुख हैं।

    5. प्रश्न: क्या झारखंड में संगीत की परंपरा है?
       उत्तर: झारखंड में संगीत की परंपरा है, जिसमें लोकगीत और झारखंडी धुन शामिल हैं। यह गीत जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले बोल और संगीत के साथ होते हैं.


    4. Question: What is the significance of textile art in Jharkhand?
       Answer: The textile art of Jharkhand features a beautiful amalgamation of local designs and vibrant colors. Traditional motifs and intricate embroidery, particularly Kantha work, are prominent in the state’s textiles.

    5. Question: Is there a musical tradition in Jharkhand?
       Answer: Jharkhand has a musical tradition that includes folk songs and Jharkhandi tunes. These songs capture various facets of life with touching lyrics and melodies.


    6. प्रश्न: झारखंड की शिल्पकला का विवरण करें।
       उत्तर: झारखंड में शिल्पकला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें खदिया, सोनभद्र, और चत्तीसगढ़ के शिल्पकारों के द्वारा बनाए जाने वाले आदिवासी शिल्पकारी आदिकालीन कला के माहिर हैं।

    7. प्रश्न: झारखंड की परंपरागत वस्त्रों में कौन-कौन सी खासियतें होती हैं?
       उत्तर: झारखंड की परंपरागत वस्त्रों में मोटी कढ़ाई, कांथा काम, और स्थानीय डिज़ाइन्स की खासियत होती है। ये वस्त्र रंगीन और सुंदर होते हैं और झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

    6. Question: Can you describe the traditional crafts of Jharkhand?
    Answer: Traditional crafts in Jharkhand are an integral part of the culture. Skilled indigenous artisans, particularly from Khadiya, Sonbhadra, and Chhattisgarh, excel in ancient tribal arts and crafts.

    7. Question: What are the distinctive features of traditional clothing in Jharkhand?
    Answer: Traditional clothing in Jharkhand is known for its intricate embroidery, Kantha work, and unique regional designs. These garments are colorful and beautiful, representing an essential part of Jharkhand’s cultural heritage.
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    History of Jharkhand in Hindi | झारखंड का इतिहास (JGGLCCE 2023)

    JGGLCCE 2023; History of Jharkhand Questions and answers in both Hindi and English

    झारखंड का इतिहास:

     

    1. प्राचीन काल में, झारखंड क्षेत्र चोटनागपुर और सन्थाल परगनाओं की धरती थी। इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।

     

     

     

    2. मुघल साम्राज्य के अधिन समय में, झारखंड क्षेत्र अलग-अलग राजाओं और सामंतों के अधीन था, जैसे पालमू और राजमहल।

     

     

     

    3. ब्रिटिश शासन काल में, झारखंड क्षेत्र कई बार अलग-अलग शासकों के अधीन आया, और यह एक मानवादी और आर्थिक बर्बरता की कहानियों से भरा था।

     

     

     

    4. झारखंड क्षेत्र की स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया गया, और इसके निष्कर्ष रूप से आजादी के बाद यह भारत का एक अलग राज्य बना।

     

     

     

    5. झारखंड का संघटन 15 नवम्बर 2000 को हुआ था, जब छत्तीसगढ़ से अलग करके इसे भारतीय गणराज्य का एक अलग राज्य बनाया गया। झारखंड अब 24 जिलों में बाँटा गया है और रांची उसका राजधानी है।

     

     

     

    6. झारखंड का नाम संस्कृत में ‘झाड़’ और ‘खंड’ से आया है, जिसका अर्थ होता है “वनों का क्षेत्र”। इसका मतलब है कि झारखंड का क्षेत्र पुराने समय में जंगलों से भरा हुआ था।

     

     

     

    झारखंड का इतिहास अत्यंत रोचक है और यह भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।


    History of Jharkhand:

     

    1. In ancient times, the Jharkhand region was the land of the Chotanagpur and Santhal tribes. Its history dates back to the Mahabharata era.

     

    2. During the rule of the Mughal Empire, the Jharkhand region was under the control of various local rulers and chieftains, such as Palamu and Rajmahal.

     

    3. During British colonial rule, the Jharkhand region came under the control of different rulers at various times, and it was marked by stories of exploitation and economic exploitation.

     

    4. The Jharkhand region also participated in the Indian freedom struggle, and eventually, it emerged as a separate state in post-independence India.

     

    5. The formation of Jharkhand as a state occurred on November 15, 2000, when it was carved out from Chhattisgarh and became a separate state in the Indian Union. Jharkhand is now divided into 24 districts, with Ranchi as its capital.

     

    6. The name “Jharkhand” is derived from Sanskrit and means “the land of forests,” signifying that the region was densely forested in ancient times.

     

    The history of Jharkhand is fascinating and is an essential part of Indian history.

     

    some questions and answers related to Jharkhand in both Hindi and English:

     

        Question (Hindi): झारखंड का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
       Answer (Hindi): झारखंड का स्थापना दिवस 15 नवम्बर को मनाया जाता है.

     

       Question (English): When is Jharkhand Foundation Day celebrated?
       Answer (English): Jharkhand Foundation Day is celebrated on November 15th.

     

        Question (Hindi): झारखंड का राजधानी क्या है?
       Answer (Hindi): झारखंड की राजधानी रांची है.

     

       Question (English): What is the capital of Jharkhand?

       Answer (English): The capital of Jharkhand is Ranchi.

     

        Question (Hindi): झारखंड का उपनाम क्या है?

       Answer (Hindi): झारखंड का उपनाम “वनों का क्षेत्र” है.

     

       Question (English): What is the nickname of Jharkhand?

       Answer (English): The nickname of Jharkhand is “The Land of Forests.”

     

        Question (Hindi): झारखंड का प्रमुख उद्योग क्या है?

       Answer (Hindi): झारखंड का प्रमुख उद्योग खनन और उर्वरक उत्पादन है.

     

       Question (English): What is the major industry in Jharkhand?

       Answer (English): The major industry in Jharkhand is mining and fertilizer production.

     

        Question (Hindi): कौन सा पर्व हरियाली और पर्यावरण सञ्चयन के रूप में झारखंड में मनाया जाता है?

       Answer (Hindi): हरियाली और पर्यावरण सञ्चयन के रूप में झारखंड में वन महोत्सव मनाया जाता है.

     

       Question (English): Which festival is celebrated as Van Mahotsav in Jharkhand as a celebration of greenery and environmental conservation?

       Answer (English): Van Mahotsav is celebrated in Jharkhand as a festival of greenery and environmental conservation.

     

        Question (Hindi): झारखंड का सबसे बड़ा जड़ संरक्षित क्षेत्र कौनसा है?

       Answer (Hindi): झारखंड का सबसे बड़ा जड़ संरक्षित क्षेत्र ‘पालामू घाघरा वन्यजीव अभयारण्य’ है.

     

       Question (English): What is the largest protected forest area in Jharkhand?

       Answer (English): The largest protected forest area in Jharkhand is the “Palamu Ghaghara Wildlife Sanctuary.”

     

        Question (Hindi): झारखंड के गणराज्य बनने से पहले, यह क्षेत्र किस राज्य का हिस्सा था?

       Answer (Hindi): झारखंड के गणराज्य बनने से पहले, यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ का हिस्सा था.

     

       Question (English): Before becoming a state, which state was this region a part of?

       Answer (English): Before becoming a state, this region was a part of Chhattisgarh.

     

        Question (Hindi): झारखंड का किस विधानसभा चुनाव के बाद पहला मुख्यमंत्री बना था?

       Answer (Hindi): झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे बाबूलाल मरांडी, जो कि 2000 में विधानसभा चुनाव के बाद चयनित हुए थे.

     

       Question (English): Who was the first Chief Minister of Jharkhand after the state’s formation?

       Answer (English): The first Chief Minister of Jharkhand after its formation was Babulal Marandi, who was elected after the 2000 legislative assembly elections.

     

        Question (Hindi): झारखंड का क्या प्रमुख भाषा है?

       Answer (Hindi): झारखंड की प्रमुख भाषा हिंदी है, लेकिन संथाली और कुरुख भी बोली जाती है.

     

       Question (English): What is the primary language of Jharkhand?

       Answer (English): The primary language of Jharkhand is Hindi, but Santali and Kurukh are also spoken.

     

       Question (Hindi): झारखंड का किस जीवनील मस्तिष्क संरक्षित जीवविज्ञानी प्रदेश के रूप में प्रसिद्ध है?

       Answer (Hindi): झारखंड का केनद्रीय मस्तिष्क संरक्षित प्रदेश ‘भगवान बिरसा जीवविज्ञानी प्रदेश’ के रूप में प्रसिद्ध है.

     

       Question (English): In Jharkhand, which central nervous system-protected area is famous as “Birsa Munda Biosphere Reserve”?

       Answer (English): The central nervous system-protected area in Jharkhand is famous as the “Birsa Munda Biosphere Reserve.”

     

        Question (Hindi): झारखंड के किस उपग्रामी खेल को “होरो” भी कहा जाता है?

       Answer (Hindi): झारखंड के किस उपग्रामी खेल को “होरो” भी कहा जाता है जिसमें खिलाड़ि बारिक और चांदीक नामक गेंदों का इस्तेमाल करते हैं.

     

       Question (English): What is the traditional tribal sport of Jharkhand, also known as “Horo,” where players use small balls called “Barik” and “Chandi”?

       Answer (English): The traditional tribal sport of Jharkhand is known as “Horo,” where players use small balls called “Barik” and “Chandi.”

     

        Question (Hindi): झारखंड के किस धार्मिक स्थल पर वाणी संत संवत धर्म का पालन किया जाता है?

       Answer (Hindi): झारखंड के पार्णिमा जिले में स्थित बैतरीनाथ मंदिर पर वाणी संत संवत धर्म का पालन किया जाता है.

     

       Question (English): In which religious site of Jharkhand is the Vani Saint Samvat Dharma practiced?

       Answer (English): Vani Saint Samvat Dharma is practiced at the Baijnath Temple in the Purnia district of Jharkhand.

     

        Question (Hindi): झारखंड में किस महिला समाजसेविका को “झारखंड की बिरसा मुंडा” कहा जाता है?

       Answer (Hindi): झारखंड में महिला समाजसेविका कनका मुरमू को “झारखंड की बिरसा मुंडा” कहा जाता है.

     

       Question (English): Which woman social worker in Jharkhand is referred to as “The Birsa Munda of Jharkhand”?

       Answer (English): Kanak Murmu is referred to as “The Birsa Munda of Jharkhand.”

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    Karwa Chauth 2023 Mehndi Design: करवा चौथ पर लगाएं पिया के नाम की मेहंदी, Mehndi Design for Karwa Chauth, बैक हैंड के लिए मेहंदी डिजाइन

     Karwa Chauth 2023 Mehndi Design: करवा चौथ पर लगाएं  पिया के नाम की मेहंदी, Mehndi Design for Karwa Chauth, बैक हैंड के लिए मेहंदी डिजाइन 

    करवा चौथ 2023 01 नवंबर, 2023 कल करवा चौथ है चतुर्थी तिथि का समय*:

    चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 31 अक्टूबर को रात्रि 09:30 बजे

    चतुर्थी तिथि समाप्त: 01 नवंबर को रात्रि 09:19 बजे

    पूजा मुहूर्त: 05:45 अपराह्न – 07:02 अपराह्नउपवास समय: 06:35 पूर्वाह्न – 08:36 अपराह्न

    अन्य महत्वपूर्ण समय* 01 नवंबर, 2023

    सूर्योदय प्रातः 06:35 बजे

    सूर्यास्त 05:45 अपराह्न

    चंद्रोदय रात्रि 08:36 बजे

    चन्द्रास्त प्रातः 10:53 बजे

    करवा चौथ 2022 14 अक्टूबर को था।

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    Mehndi Design for Karwa Chauth


    करवा चौथ, विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक सुंदर और महत्वपूर्ण त्योहार है, जो अपने पतियों के लंबे और समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना करने का दिन है। उपवास और भक्ति का यह दिन उत्तम उत्सवों का आह्वान करता है, और इससे जुड़ी सबसे पसंदीदा परंपराओं में से एक है महिलाओं के हाथों पर जटिल मेहंदी डिजाइन लगाना। मेहंदी, जिसे मेंहदी भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखती है और करवा चौथ उत्सव का एक अभिन्न अंग है। इस लेख में, हम करवा चौथ 2023 के लिए कुछ शानदार मेहंदी डिजाइनों का पता लगाएंगे, जिसमें पति के नाम वाले खूबसूरत डिजाइनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    when is karva chauth in 2023 in india

    Karva Chauth/India/Date (2023)
    Wed, 1 Nov, 2023
    Karva Chauth in India is scheduled to be observed on Wednesday, 1st November 2023. It’s an important day for married Hindu women, where they fast and pray for the well-being and longevity of their husbands.

    The Significance of Mehndi on Karwa Chauth:

    मेहंदी सिर्फ शारीरिक कला का एक रूप नहीं है; यह प्रेम, आनंद और विवाह के बंधन का प्रतीक है। भारत भर में महिलाएं अपने हाथों को जटिल मेहंदी डिजाइनों से सजाती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा अर्थ और महत्व होता है। करवा चौथ पर महिलाएं आमतौर पर अपने हाथों और कभी-कभी पैरों पर भी मेहंदी लगाती हैं और ऐसा माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा, पति-पत्नी के बीच प्यार उतना ही गहरा होगा।

    Mehndi Designs for Karwa Chauth 2023:

    आपके प्रिय का नाम:

    अपने करवा चौथ मेहंदी डिज़ाइन को निजीकृत करने के सबसे मार्मिक तरीकों में से एक है पैटर्न में अपने पति का नाम शामिल करना। आप उसका नाम किसी कलात्मक लिपि में लिखवा सकते हैं, जो पुष्प या मोर रूपांकनों के साथ गुंथा हुआ है, जिससे एक मनमोहक रूप बनता है।

    पारंपरिक मोर:

    करवा चौथ मेहंदी डिज़ाइन में मोर की आकृतियाँ काफी लोकप्रिय हैं। उनके जीवंत और सुरुचिपूर्ण पंख प्रेम, अनुग्रह और निष्ठा का प्रतीक हैं। इन मोर रूपांकनों के बीच अपने पति का नाम जोड़ना एक शानदार विकल्प हो सकता है।

    पुष्प उत्सव:

    मेहंदी डिज़ाइन में फूल खुशी और नई शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप एक पुष्प पैटर्न चुन सकते हैं और फूलों और पत्तियों के भीतर अपने पति के नाम को सुरुचिपूर्ण ढंग से एकीकृत कर सकते हैं।

    सार भंवर और लताएँ:

    घुमावदार बेलें और जटिल जाली जैसे अमूर्त पैटर्न आपके मेहंदी डिज़ाइन को एक समकालीन मोड़ दे सकते हैं। ये डिज़ाइन आपके पति के नाम को सूक्ष्म लेकिन कलात्मक तरीके से समायोजित कर सकते हैं।

    अनुकूलित बैंड कंगन:

    अपनी कलाई पर अपने पति का नाम घेरते हुए एक बैंड या ब्रेसलेट पैटर्न बनाकर एक अनोखा लुक बनाएं। यह न्यूनतम दृष्टिकोण सुरुचिपूर्ण और सार्थक दोनों है।

    डिज़ाइन में छिपे प्रेम संदेश:

    कुछ मेहंदी कलाकार जटिल पैटर्न के भीतर गुप्त संदेश या आपके पति का नाम छिपा सकते हैं। इन छिपे हुए तत्वों की खोज करना आपके और आपके जीवनसाथी दोनों के लिए एक आनंददायक अनुभव हो सकता है।

    Tips for Applying Mehndi:

    तैयारी: सुनिश्चित करें कि आपके हाथ साफ, सूखे और किसी भी लोशन या तेल से मुक्त हैं। यह सुनिश्चित करता है कि मेहंदी का पेस्ट आपकी त्वचा पर अच्छी तरह से चिपक जाए।
    मेहंदी पेस्ट की गुणवत्ता: किसी भी प्रतिकूल त्वचा प्रतिक्रिया से बचने के लिए हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले, प्राकृतिक मेहंदी पेस्ट का चयन करें।
    धैर्य: मेहंदी पेस्ट को प्राकृतिक रूप से सूखने दें, आमतौर पर कम से कम 2-3 घंटे के लिए। इस दौरान अपने हाथों को गंदा करने या टकराने से बचें।
    बाद की देखभाल: एक बार मेहंदी का पेस्ट सूख जाए, तो गहरा और लंबे समय तक रहने वाला रंग पाने के लिए कम से कम 12 घंटे तक पानी के संपर्क से बचें।
    करवा चौथ (हिंदी: करवा चौथ, गुजराती: કરવા ચોથ) या करवा चौथ विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक बहुत ही भव्य त्योहार है। यह एक दिवसीय त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक सख्त उपवास रखती हैं।
    करवा चौथ चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो पूर्णिमांत हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) का चौथा दिन है। महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारत में अपनाए जाने वाले अमांत कैलेंडर के अनुसार, करवा चौथ ‘अश्विन’ महीने के दौरान मनाया जाता है।
    करवा चौथ 2023 01 नवंबर, बुधवार को है
    चतुर्थी तिथि का समय – 31 अक्टूबर, रात 9:30 बजे से 01 नवंबर, रात 9:19 बजे तक करवा चौथ चंद्रमा का समय: 01 नवंबर, रात 8:36 बजे तक
    करवा चौथ 2023 पूजा मुहूर्त, चंद्रमा का समय सूर्योदय 01 नवंबर, सुबह 06:35 बजे। सूर्यास्त 01 नवंबर, शाम 05:45 बजे। चंद्रोदय 01 नवंबर, रात्रि 08:36 बजे। चतुर्थी तिथि का समय 31 अक्टूबर, 09:30 अपराह्न – 01 नवंबर, 09:19 अपराह्न पूजा मुहूर्त 01 नवंबर, 05:45 अपराह्न – 07:02 अपराह्न उपवास समय 01 नवंबर, 06:35 पूर्वाह्न – 08:36 अपराह्न स्थान: उज्जैन [ भारत ] और देखें
    और पढ़ें: हर भारतीय महिला के लिए खूबसूरत करवा चौथ अनुष्ठानों के बारे में जानें
    करवा चौथ को कुछ स्थानों पर ‘करक चतुर्थी’ भी कहा जाता है। हिंदी में ‘करवा’ या ‘कारक’ का अर्थ है ‘एक बर्तन’ जबकि ‘चौथ’ का अर्थ है ‘चौथा दिन’। कार्तिक माह के दौरान पूर्णिमा के चौथे दिन चंद्रमा को जल अर्पित करने के लिए मिट्टी के बर्तन का उपयोग किया जाता है। करवा जिसे ‘अर्घा’ भी कहा जाता है, बहुत शुभ माना जाता है और पूजा के बाद इसे परिवार की किसी योग्य महिला या ब्राह्मण को ‘दान’ के रूप में दे दिया जाता है।
    करवा चौथ का त्योहार पूरे भारत में बेहद उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। उत्तरी राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में उत्सव भव्य पैमाने पर मनाया जाता है। करवा चौथ को भारत के बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्यों में ‘छठ’ के रूप में मनाया जाता है। करवा चौथ का त्यौहार भी भगवान गणेश को समर्पित एक दिवसीय त्यौहार के साथ मेल खाता है, जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

    महिलाएं करवा चौथ से जुड़ी रस्में निभाती हैं

    करवा चौथ व्रत की विधि:
    करवा चौथ व्रत का मुख्य पहलू विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाओं द्वारा सुबह से शाम तक रखा जाने वाला व्रत है। महिलाएं चंद्रमा के दर्शन होने तक बिना कुछ खाए-पीए यह व्रत रखती हैं। करवा चौथ व्रत इस मायने में अनोखा है कि दुनिया में कहीं भी विवाहित महिलाएं अपने पति के कल्याण के लिए यह कठिन व्रत नहीं रखती हैं।
    मेहंदी या मेंहदी लगाने की परंपरा करवा चौथ का एक अभिन्न अंग है। हिंदू संस्कृति में मेहंदी विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक है। करवा चौथ के दिन महिलाएं हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाती हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर मेहंदी का रंग गहरा है तो यह इस बात का संकेत है कि महिला को अपने पति से भरपूर देखभाल और प्यार मिलेगा। मेंहदी कलाकार जटिल और आकर्षक डिज़ाइन लगाते हैं। हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए, मेहंदी न केवल उनके हाथों को रंगती है, बल्कि यह उनके जीवन को उल्लास और आनंद से भी भर देती है।

    करवा चौथ से पहले महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगवाती हैं

    करवा चौथ के अवसर पर विवाहित महिलाओं को अपने पति और ससुराल वालों से सुंदर और महंगे उपहार मिलते हैं। उपहार चूड़ियाँ, आभूषण, मेहंदी, लहंगा-चोली, साड़ी और अन्य पारंपरिक उपहारों में से कुछ भी हो सकते हैं। अपनी पत्नियों को उपहार देने की प्रथा प्यार की अभिव्यक्ति है और पति-पत्नी के बीच प्यार के बंधन को मजबूत करती है। महिलाएं अपने प्रियजनों से उपहार पाकर बहुत संतुष्ट और प्यार महसूस करती हैं।
    करवा चौथ के शुभ दिन पर, महिलाएं सूर्योदय से पहले उठती हैं और विशेष रूप से तैयार किया गया भोजन खाती हैं, जिसे ‘सरगी’ कहा जाता है। इसके बाद उन्हें पानी की एक बूंद भी पीने की इजाजत नहीं है. शाम के समय, करवा चौथ का व्रत रखने वाली सभी महिलाएं अपने दुल्हन के गहनों से सुंदर रूप से तैयार होती हैं। नवविवाहित दुल्हनें अपनी दुल्हन की पोशाक भी सजाती हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ देवी पार्वती और उनके पुत्र ‘कार्तिकेय’ की भी पूजा की जाती है। महिलाएं सामूहिक रूप से करवा चौथ व्रत कथा सुनती हैं।
    चंद्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है। हर महिला छलनी लेकर पहले अपने पति की ओर देखती है और फिर चंद्रमा की ओर। इसके बाद, वे अपने-अपने पतियों की आरती करती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं। अनुष्ठान के एक भाग के रूप में, पति अपनी पत्नियों को पानी का पहला घूंट और भोजन का एक टुकड़ा देते हैं। इसके बाद करवा चौथ का व्रत रखने वाली सभी महिलाएं अपने परिवार के बड़ों का आशीर्वाद लेती हैं। चंद्रमा को ‘अर्घ’ देने के लिए इस्तेमाल किया गया करवा फिर किसी बुजुर्ग महिला या किसी ब्राह्मण को ‘दान’ के रूप में दिया जाता है। फिर घर की सभी महिलाएं सामूहिक रूप से इकट्ठा होती हैं और तैयार किए गए स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेती हैं।

    करवा चौथ के दौरान विवाहित महिलाएं

    भारत में, करवा चौथ विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस त्यौहार को मनाने से उनके पतियों की दीर्घायु, कल्याण और समृद्धि सुनिश्चित होती है। तेजी से व्यावसायीकरण के साथ करवा चौथ व्रत का उत्सव हर गुजरते दिन के साथ भव्य होता जा रहा है।
    करवा चौथ का अवसर दावत और उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है जो दिवाली के दौरान अनुभव किया जाता है, जो कि नौ दिनों के बाद आने वाला भव्य हिंदू त्योहार है। इतनी मौज-मस्ती, उल्लास और फिजूलखर्ची के साथ उपवास अब पहले जैसा नहीं रह गया है!
    2020 और 2030 के बीच करवा चौथ त्योहार की तारीखें वर्ष दिनांक 2020 गुरुवार, 5 नवंबर 2021 सोमवार, 25 अक्टूबर 2022 शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2023 बुधवार, 1 नवंबर 2024 सोमवार, 21 अक्टूबर 2025 शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2026 शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2027 मंगलवार, 19 अक्टूबर 2028 रविवार, 8 अक्टूबर 2029 शुक्रवार, 26 अक्टूबर अन्य संबंधित त्यौहार

    करवा चौथ 2023 के लिए शहरवार पूजा मुहूर्त:

  1. नई दिल्ली: शाम 5:36 बजे से शाम 6:54 बजे तक
  2. पुणे: शाम 6:02 बजे से शाम 7:17 बजे तक
  3. चेन्नई: शाम 5:42 बजे से शाम 6:56 बजे तक
  4. कोलकाता: शाम 4:59 बजे से शाम 6:15 बजे तक
  5. हैदराबाद: शाम 5:45 बजे से शाम 7:00 बजे तक
  6. अहमदाबाद: शाम 6:02 बजे से शाम 7:18 बजे तक
  7. नोएडा: शाम 5:36 बजे से शाम 6:53 बजे तक
  8. जयपुर: शाम 5:44 बजे से शाम 7:02 बजे तक
  9. मुंबई: शाम 6:05 बजे से शाम 7:21 बजे तक
  10. गुड़गांव: शाम 5:37 बजे से शाम 6:55 बजे तक
  11. बेंगलुरु: शाम 5:53 बजे से शाम 7:07 बजे तक
  12. चंडीगढ़: शाम 5:35 बजे से शाम 6:54 बजे तक
  13. करवा चौथ भारत के उत्तरी क्षेत्रों में विशेष महत्व रखता है, जिसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। यह एक यादगार अवसर है जो विवाहित महिलाओं के अपने पतियों के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है और इसे बड़े उत्साह और अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।

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    निष्कर्ष:

    करवा चौथ विवाहित जोड़ों के लिए एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार और समर्पण व्यक्त करने का एक विशेष दिन है। मेहंदी लगाना महिलाओं के लिए खुद को सजाने और शादी के पवित्र बंधन का जश्न मनाने का एक खूबसूरत तरीका है। अपने मेहंदी डिज़ाइन में अपने पति का नाम शामिल करके, आप न केवल अवसर को और अधिक वैयक्तिकृत बनाती हैं, बल्कि इस सदियों पुरानी परंपरा में महत्व की एक अतिरिक्त परत भी जोड़ती हैं। तो, इस करवा चौथ पर अपनी मेहंदी को प्यार और प्रतिबद्धता का सच्चा प्रतीक बनाएं।

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    धनतेरस क्यों मनाते है ? | धनतेरस का महत्व। Dhanteras kyun manate hain in hindi.

    Why do we celebrate Dhanteras?| Dhanteras kyun manate hain?| धनतेरस क्यों मनाते है ? | धनतेरस का महत्व।  

    धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो दीपावली (दिवाली) के पूर्व दिन मनाया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य धन, सौभाग्य, और स्वास्थ्य की देवी धन्वंतरि की पूजा करना होता है।

    Dhanteras kyun manate hain?


    धनतेरस का नाम “धन” और “तेरस” शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “धन के तेरह दिन”। इस दिन लोग विशेष रूप से धन, सौभाग्य, और आरोग्य की प्राप्ति की कामना करते हैं और अपने घरों को सजाकर सफाई करते हैं।


    कुछ लोग इस दिन नए वाहन, सोने या चांदी के आभूषण, या सोने या चांदी के सिक्के खरीदने का भी विचार करते हैं, क्योंकि इसका मान्यता है कि इन चीजों की खरीदी धन को बढ़ावा देती है।


    इस दिन, लोग धन्वंतरि भगवान की पूजा करते हैं और विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास करते हैं। धनतेरस को मनाने से घरों को धूप, दीप, और फूलों से सजाते हैं, जिससे घर का माहौल शुभ और आनंदमय होता है। 


    धनतेरस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है वस्त्रदान, यानी किसी गरीब व्यक्ति को वस्त्र या धनरत्न देना। यह एक प्रकार की धर्मिक दान होता है और समाज में सामाजिक समरसता की बढ़ोतरी के रूप में माना जाता है।


    धनतेरस के बाद, लोग दिवाली के अवसर पर अन्य त्योहारों की तैयारियों में जुट जाते हैं, और यह त्योहार खुशियों और मनोरंजन के साथ आता है।


    सार्वजनिक रूप से, धनतेरस का मनाने का मुख्य उद्देश्य धन और भग्य की प्राप्ति के लिए ईश्वर की कृपा का आभास कराना है, और लोग इस अवसर पर अपने आप को और अपने परिवार को खुशियों से भर देते हैं।


    धनतेरस के त्योहार को विभिन्न भागों में भारत में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, और इसका महत्व विभिन्न धार्मिक संप्रदायों में अलग-अलग हो सकता है। यह एक संयुक्त प्रक्रिया है जिसमें धार्मिक और सांस्कृत के मूल्यों का मानना, परिवार के साथ बिताने और खुशियों का आनंद उठाने का समय होता है। इसके अलावा, धनतेरस का महत्व है व्यापारिक दृष्टि से भी, क्योंकि व्यापारी वर्ग भी इस दिन अपने लेन-देन की चेक करते हैं और नए खाता-बही की शुरुआत करते हैं।


    संक्षेप में कहें तो, धनतेरस एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो धन, सौभाग्य, और स्वास्थ्य की प्राप्ति की कामना के साथ मनाया जाता है और यह दीपावली के पूर्व दिन होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

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