Why do we celebrate Dhanteras?| Dhanteras kyun manate hain?| धनतेरस क्यों मनाते है ? | धनतेरस का महत्व।
धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो दीपावली (दिवाली) के पूर्व दिन मनाया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य धन, सौभाग्य, और स्वास्थ्य की देवी धन्वंतरि की पूजा करना होता है।
धनतेरस का नाम “धन” और “तेरस” शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “धन के तेरह दिन”। इस दिन लोग विशेष रूप से धन, सौभाग्य, और आरोग्य की प्राप्ति की कामना करते हैं और अपने घरों को सजाकर सफाई करते हैं।
कुछ लोग इस दिन नए वाहन, सोने या चांदी के आभूषण, या सोने या चांदी के सिक्के खरीदने का भी विचार करते हैं, क्योंकि इसका मान्यता है कि इन चीजों की खरीदी धन को बढ़ावा देती है।
इस दिन, लोग धन्वंतरि भगवान की पूजा करते हैं और विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास करते हैं। धनतेरस को मनाने से घरों को धूप, दीप, और फूलों से सजाते हैं, जिससे घर का माहौल शुभ और आनंदमय होता है।
धनतेरस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है वस्त्रदान, यानी किसी गरीब व्यक्ति को वस्त्र या धनरत्न देना। यह एक प्रकार की धर्मिक दान होता है और समाज में सामाजिक समरसता की बढ़ोतरी के रूप में माना जाता है।
धनतेरस के बाद, लोग दिवाली के अवसर पर अन्य त्योहारों की तैयारियों में जुट जाते हैं, और यह त्योहार खुशियों और मनोरंजन के साथ आता है।
सार्वजनिक रूप से, धनतेरस का मनाने का मुख्य उद्देश्य धन और भग्य की प्राप्ति के लिए ईश्वर की कृपा का आभास कराना है, और लोग इस अवसर पर अपने आप को और अपने परिवार को खुशियों से भर देते हैं।
धनतेरस के त्योहार को विभिन्न भागों में भारत में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, और इसका महत्व विभिन्न धार्मिक संप्रदायों में अलग-अलग हो सकता है। यह एक संयुक्त प्रक्रिया है जिसमें धार्मिक और सांस्कृत के मूल्यों का मानना, परिवार के साथ बिताने और खुशियों का आनंद उठाने का समय होता है। इसके अलावा, धनतेरस का महत्व है व्यापारिक दृष्टि से भी, क्योंकि व्यापारी वर्ग भी इस दिन अपने लेन-देन की चेक करते हैं और नए खाता-बही की शुरुआत करते हैं।
संक्षेप में कहें तो, धनतेरस एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो धन, सौभाग्य, और स्वास्थ्य की प्राप्ति की कामना के साथ मनाया जाता है और यह दीपावली के पूर्व दिन होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।