PM Modi speech : पीएम मोदी ने अब तक जो नहीं कहा था, वो भी कह दिया,संसद में विरोधियों की बोलती कर दी बंद- 50 बड़ी बातें.

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पीएम मोदी ने अब तक जो नहीं कहा था, वो भी कह दिया,संसद में विरोधियों की बोलती कर दी बंद- 50 बड़ी बातें. 

 PM Modi speech

PM Modi speech

PM Modi parliament speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में कई मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी. विपक्षी दलों के हमलों के बीच उन्होंने संसद में तकरीबन पौने 2 घंटे तक भाषण दिया. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण पर भी जमकर कटाक्ष किया. एक-एक कर पीएम मोदी ने अडानी और अन्य मुद्दों पर केंद्र पर विपक्ष द्वारा लगाए आरोपों का सधा हुआ जवाब दिया. आइये आपको बताते हैं पीएम मोदी के भाषण की 50 बड़ी बातें.

1.कल मैंने देखा कि कुछ लोगों के भाषणों से पूरा इकोसिस्टम खुश हो गया. कुछ लोग बहुत खुश थे, “ये हुई ना बात (ऐसा होना चाहिए)”.

2.पिछले नौ वर्षों में रचनात्मक आलोचना के बजाय बाध्यकारी आलोचकों ने कब्जा कर लिया है. कांग्रेस ने कहा कि भारत की बर्बादी हार्वर्ड में एक केस स्टडी होगी. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में हार्वर्ड ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया. विषय का नाम था द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी.

3.विपक्ष और परोक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके अंदर की नफरत उनके भाषणों में खुलकर सामने आ गई.

4.यहां सभी ने अपनी-अपनी बात रखी और तर्क रखे. वे अपनी रुचि, स्वभाव और विश्वदृष्टि के अनुसार बोले. उन्हें समझने की कोशिश में यह भी ख्याल आता है कि कौन कितना काबिल है, किसमें क्या काबिलियत है और किसकी क्या नीयत है. देश उनका मूल्यांकन भी कर रहा है.

5.विभाजित दुनिया और अस्थिर वैश्विक माहौल के बीच जिस तरह से यह आगे बढ़ा है, उससे देश बेहद आश्वस्त है. 140 करोड़ भारतीयों का जोश किसी भी चुनौती से ज्यादा मजबूत है. फिर भी कुछ लोग इन सब बातों से परेशान हैं. उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.

6.सुधार मजबूरी से नहीं हो रहे हैं. वे दृढ़ विश्वास के कारण हो रहे हैं.

7.इस बार मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी को बधाई भी देना चाहता हूं. गणतंत्र की मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा का भी एक बड़ा अवसर है.

8.भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे ने कुछ तेजी से प्रगति की है. दुनिया ने “डिजिटल इंडिया” को नोटिस किया है. एक समय था जब हमारा देश बुनियादी तकनीकों के लिए भी संघर्ष करता था.

9.2004 से 2014 के बीच यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने हर अवसर को समस्या में बदल दिया. जब दुनिया प्रौद्योगिकी में प्रगति कर रही थी, तब वे 2जी घोटाले में फंस गए थे.

10.2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की प्रगति को दुनिया के सामने दिखाने का अवसर आया, लेकिन वह भी एक बड़े घोटाले में बदल गया.

11.पिछले नौ साल विपक्ष ने आरोप लगाने में गंवाए, इस दौर में रचनात्मक आलोचना की जगह बाध्यकारी आलोचना ने ले ली.

12.वोट बैंक की राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया, भारत के विकास में देरी की; मध्यम वर्ग की उपेक्षा की गई लेकिन एनडीए सरकार ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की.

13.जो लोग अहंकार के नशे में चूर हैं और सोचते हैं कि उन्हें ही ज्ञान है, उन्हें लगता है कि मोदी को गाली देने से ही रास्ता निकलेगा, कि मोदी पर झूठे, बेतुके कीचड़ उछालने से ही रास्ता निकलेगा.

14.वंचितों, गरीबों, आदिवासियों के कल्याण के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है; यही हमारा मिशन है.

15.लोग जानते हैं कि मोदी संकट के समय उनकी मदद के लिए आए हैं, वे आपकी गालियों और आरोपों से कैसे सहमत होंगे.

16.करोड़ों लोगों का विश्वास मेरा सुरक्षा कवच है, इसे आपके (विपक्ष) गालियों, आरोपों से नहीं तोड़ा जा सकता.

17.यूपीए का ट्रेडमार्क 2004-2014 से हर अवसर को संकट में बदलने देना था.

18.सेना शौर्य दिखाती है तो उसकी आलोचना करते हैं; अगर जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करती हैं, तो वे उन पर हमला करते हैं: पीएम मोदी का विपक्ष पर तंज

19.लोगों का मोदी पर भरोसा अखबारों की सुर्खियों या टीवी विजुअल्स की वजह से नहीं बल्कि मेरे वर्षों के समर्पण की वजह से है.

20.2004-14 एक खोया हुआ दशक था, वर्तमान को भारत के दशक के रूप में जाना जाएगा: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में पीएम मोदी

21.विपक्ष खुद का खंडन करता रहता है, वे कहते हैं कि भारत कमजोर है और फिर आरोप लगाते हैं कि भारत दूसरे देशों पर दबाव बना रहा है.

22.सिर्फ हार्वर्ड ही नहीं, दुनिया की तमाम बड़ी यूनिवर्सिटी कांग्रेस के पतन पर स्टडी करेंगी.

23.निराशा में डूबे चंद लोग देश की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें देश के लोगों की उपलब्धियां नहीं दिखतीं. यह देश के 140 करोड़ लोगों के प्रयासों का नतीजा है जिससे भारत का नाम हो रहा है. वे उन उपलब्धियों को नहीं देखते हैं.

24.सेना शौर्य दिखाती है तो उसकी आलोचना करते हैं; अगर जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करती हैं, तो वे उन पर हमला करते हैं.

25.भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने जिस गति से अपनी ताकत दिखाई है और आधुनिकता की दिशा में बदलाव किया है, उसका अध्ययन पूरी दुनिया कर रही है. मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली में था. डिजिटल इंडिया की हर जगह सराहना हो रही थी और उत्सुकता थी कि देश ऐसा कैसे कर रहा है.

26.महामारी के दौरान टीकाकरण कार्यक्रम का विशाल परिमाण एक स्थिर और निर्णायक सरकार का एक उदाहरण है. हमने ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन विकसित की और नागरिकों को टीकों की मुफ्त खुराक प्रदान की.

27.आज दुनिया भर के कई देश विभिन्न विश्व मंचों से महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों को भारत की मदद की प्रशंसा करते हैं.

28.2004-2014 घोटालों और हिंसा का दशक था: पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज

29.इसका जवाब भारत की स्थिरता, इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा, इसकी बढ़ती क्षमता और यहां पैदा होने वाली नई संभावनाओं में छिपा है.

30.आज विश्व की सभी विश्वसनीय संस्थाएं, वैश्विक प्रभावों का गहराई से अध्ययन करने वाले और भविष्य के लिए भविष्यवाणियां करने वाले सभी विशेषज्ञ भारत के लिए बहुत आशान्वित और उत्साहित हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? पूरी दुनिया भारत की तरफ उम्मीद से क्यों देख रही है?

31.2004-2014 तक हर अवसर को संकट में बदलने देना यूपीए का ट्रेडमार्क था.

32.देश में हर क्षेत्र में उम्मीद है लेकिन कुछ लोग उनके खिलाफ जनादेश के कारण हताशा में डूबे हुए हैं.

33.पिछले 9 साल में 90,000 स्टार्टअप सामने आए हैं. स्टार्टअप्स में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं. एक विशाल स्टार्टअप इकोसिस्टम देश के कोने-कोने में पहुंच गया है.

34.पीएम मोदी ने कहा, आज हमारे पास स्थिर और निर्णायक सरकार है.

35.भारत एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है, दुनिया भारत के विकास में अपनी समृद्धि देखती है लेकिन कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं करना चाहते हैं.

36.आज पूरे विश्व में भारत के लिए सकारात्मकता है, आशा है, विश्वास है. हर्ष की बात है कि आज भारत को #G20 अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ है. यह देश के लिए, 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है. लेकिन मुझे लगता है कि इससे भी कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है.

37.100 साल में एक बार महामारी, दूसरी ओर युद्ध जैसी स्थिति, बंटी हुई दुनिया.. इस स्थिति में भी, इस संकट में भी, देश जिस तरह से खड़ा हुआ है. खुद को स्थिर किया है और पूरे देश को आत्मविश्वास और गर्व से भर दिया है.

38.महामारी, विभाजित दुनिया और युद्ध के कारण विनाश ने कई देशों में अस्थिरता पैदा कर दी है. कई देशों में तीव्र मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, खाद्य संकट है. किस भारतीय को इस बात का गर्व नहीं होगा कि ऐसे समय में भी हमारा देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है?

39.दुनिया में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और विश्वास है; जी-20 की मेजबानी करना गर्व की बात है लेकिन कुछ लोग इससे चिढ़ गए.

40.दो-तीन दशक की अस्थिरता थी; अब देश में राजनीतिक स्थिरता है, एक निर्णायक सरकार है.

41.हल्के-फुल्के पल और बहसें सदन की कार्यवाही का हिस्सा होती हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक देश के रूप में हमारे पास ऐसे अवसर हैं जिन पर हमें गर्व है और राष्ट्रपति का भाषण 140 करोड़ से अधिक भारतीयों द्वारा इसका जश्न मनाने का संकेत देता है.

42.भारत का डिजिटल ढांचा गेम चेंजर है.

43.मुझे खुशी है कि किसी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना नहीं की, जो कहा गया उसे उन्होंने स्वीकार किया.

44.जब राष्ट्रपति का अभिभाषण चल रहा था तो कुछ लोगों ने इससे परहेज किया. एक कद्दावर नेता ने राष्ट्रपति तक का अपमान किया.

45.मैं कल देख रहा था. कुछ लोगों के भाषणों के बाद कुछ लोग खुशी से कह रहे थे, “ये हुई ना बात.” शायद वे अच्छी तरह से सोए और (समय पर) नहीं उठ सके. उनके लिए कहा गया है, “ये कह कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं”

46.कल लोकसभा में कुछ लोगों की टिप्पणी के बाद पूरा ‘इकोसिस्टम’ और उनके समर्थक खुशी से झूम उठे.

47.”राष्ट्रपति मुर्मू ने न केवल आदिवासियों का सम्मान किया है बल्कि समाज के उस वर्ग में समाज की भावना भी पैदा की है”.

48.राष्ट्रपति ने अपने दूरदर्शी संबोधन में हमारा और करोड़ों भारतीयों का मार्गदर्शन किया. गणतंत्र के प्रमुख के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक होने के साथ-साथ देश की बेटियों और बहनों के लिए प्रेरणादायी भी है.

49.पीएम मोदी ने आतंक के खिलाफ बोलते हुए कहा कि मैंने आतंकियों को चुनौती दी थी, आ जाए जिसने मां का दूध पिया है.

50.पीएम मोदी ने कहा कि जब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया, तब मीडिया के लोग सवाल करने लगे कि पहले यहां ऐसे नहीं होता था. आज वहां ऐसी शांति है कि वहां चैन से जा सकते हैं.

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